दबाव बढ़ने पर फिर खोलने पड़ते अवैध कट
साहब हाइवे पर लगातार हादसे तो हो रहे हैं लेकिन यहां बनाए गए अवैध कट चाहते हुए भी बंद नहीं कर पा रहे हैं। कट बंद करते ही ऊपर से प्रेशर आ जाता है। इससे इन्हें फिर खोलना पड़ता है क्या करें
जागरण संवाददाता, करनाल : .. साहब, हाइवे पर लगातार हादसे तो हो रहे हैं, लेकिन यहां बनाए गए अवैध कट चाहते हुए भी बंद नहीं कर पा रहे हैं। कट बंद करते ही ऊपर से प्रेशर आ जाता है। इससे इन्हें फिर खोलना पड़ता है, क्या करें ? हैरान करने वाला यह रहस्योद्घाटन एनएचएआई के एक प्रतिनिधि ने उस समय किया, जब सोमवार को जिला सचिवालय में रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी ने एक बड़े होटल के समक्ष अवैध कट बंद करने को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर जवाब मांगा।
एनएचएआई प्रतिनिधि का यह जवाब सुनकर एक बार डीसी भी सन्न रह गए तो दूसरे अधिकारी भी देखते रह गए। डीसी निशांत यादव ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि हादसे किसी भी स्तर पर रोकने होंगे। सभी अवैध कट बंद करने के लिए किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं है।
उनकी ओर से ड्यूटी मजिस्ट्रेट व पुलिस बल के साथ सभी अवैध कट बंद कराएं जाए, जिनकी पूरी रिपोर्ट भी उन्हें दी जाए। बैठक में हाइवे अथॉरिटी की ओर से बरती जा रही कथित लापरवाही निशाने पर रही। कहीं गड्ढे तो कहीं अवैध कट। कहीं संकेतक चिह्न ही गायब तो कहीं सही जगह से बाई रोड नहीं।
इन तमाम मसलों पर फोटो के साथ लापरवाही का आइना दिखाते हुए डीसी ने नाराजगी दिखाई तो स्पष्टीकरण भी मांगा। यहां तक कि स्पष्ट किया कि एफओबी पर हर माह की तरह टरकाऊ जवाब नहीं बल्कि कार्य चाहिए।
एफओबी निर्माण को लेकर हाइवे प्रतिनिधि द्वारा दी सफाई पर डीसी निशांत यादव संतुष्ट नहीं हुए और कार्य को लेकर चार सदस्यीय कमेटी इस कार्य को चैक करने के लिए गठित की। इसमें आरटीए सहायक सचिव, उप निरीक्षक, गैर सरकारी सदस्यों में से संदीप लाठर और रमन मिड्डा को शामिल किया तो वहीं आइटीआई चौक पर सर्विस लेन से पानी निकासी को लेकर भी एक कमेटी ड्रेन की कनेक्टिविटी जांच के लिए बनाई गई, जिसे एक सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी। बैठक में 20 में से 10 मुद्दों का निपटारा किया गया जबकि अन्य पेंडिग रख लिए गए।
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अवैध कट खोले जाने पर दर्ज कराएं एफआइआर
डीसी ने सख्त आदेश दिए कि बंद किए जाने वाले अवैध कट फिर से खोलने वालों को पहले एक माह का नोटिस दिया जाए और फिर सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नमस्ते चौक जैसी सर्विस लाइन के प्वाइंटों पर ढलान की मरम्मत जैसे कार्यों का स्थाई हल निकालें। इसी प्रकार करनाल इंद्री रोड़ के सुदृढ़ीकरण के दौरान लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़क पर वर्क-इन-प्रोग्रेस तथा गाड़ी धीरे चलाएं जैसे बोर्ड लगाएं जाएं।
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सड़क सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता
डीसी ने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर बैठकों का आयोजन कर समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इसे गंभीरता से लें। वैसे भी एक सरकारी अधिकारी के नाते सड़क सुरक्षा से बड़े मुद्दों पर गौर करना चाहिए। उपायुक्त ने चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा सप्ताह से अगले 51 दिनों के तहत जो-जो गतिविधियां की जाती है उन बारे अधिकारियों को सक्रियता दिखाने के निर्देश दिए और कहा कि सभी संबंधित अधिकारी रोड की हालात को जानें तो वहीं थ्री-व्हीलर चालकों को सड़क नियमों के प्रति जागरूक करना विद्यार्थियों को हेल्मेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता बताना, चालक उद्योग और टूल पलाजा पर मेडिकल चैक, वजन चेक करना, चालकों की दृष्टि चैक करना तथा एम्बुलेंस और उसमें सभी जरूरी सामान की चेकिग जैसे कार्य किए जाएं। सभी विभाग द्वारा की गई गतिविधियों की एक-एक बुकलेट बनाएं।
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दिसंबर माह में बिना हेल्मेट वाहन चलाने पर 1564 चालान
बैठक में बताया गया कि दिसंबर माह में करनाल पुलिस ने बिना हेल्मेट ड्राईविग के 1564 चालान किए। इसी प्रकार ओवर स्पीडिग के 172, गलत पार्किंग के 45, गलत साईड 276 चलान किए गए, सीट बैल्ट के 233 शराब पीकर गाड़ी चलाने के 6, लैन बदलने के 28 तथा ट्रिपल राईडिग के 63 बताए गए और इनसे 16 लाख 32 हजार 700 रुपये की राशि वसूल की गई। दूसरी ओर आईटीए द्वारा इसी मास में ओवरलोडिग के 110 तथा थ्री-व्हिलर के 22 चलान किए गए। इनसे 66 लाख रूपए की रिकवरी की गई। आरटीए सचिव व एडीसी अनिश यादव ने बताया कि भविष्य में ओवरलोडिग के चलान बढ़ाए जाएंगे। बॉक्स
मोटिवेटर करेंगे जागरूक
पुरानी मंडी में अनाधिकृत रूप से रेहडि़यां लगाने पर गैर-सरकारी सदस्यों ने कहा कि इसका स्थाई समाधान किया जाए। नगर निगम के प्रतिनिधि ने बताया कि वे इस क्षेत्र में जाकर नियमित रूप से रेहडिय़ां हटाने की कार्यवाही करते है, लेकिन हटा दिए जाने के बाद रेहड़ी वाले दोबारा यहां लगा लेते हैं। इस पर उपायुक्त ने निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में निगम के दो मोटिवेटर की स्थाई रूप से ड्यूटी लगाई जाए तो सख्ती से चालान भी करें।