वा¨शग सेंटर कर रहे पानी की बर्बादी
गिरते भू जल स्तर के कारण पूरा जिला डार्क जोन घोषित हो चुका है। बावजूद इसके कस्बे में अवैध व्हीकल वॉ¨शग स्टेशन बेतहाशा पानी बहाने में लगे हुए हैं। प्रशासन से बिना किसी तरह की अनुमति और वैध लाइसेंस के घरौंडा में 12 से अधिक वॉ¨शग स्टेशन धड़ल्ले से चल रहे हैं। सर्विस स्टेशनों पर सबमर्सीबल पंप लगाकर लगातार भूमिगत जल का दोहन किया जाता है।
संवाद सहयोगी, घरौंडा : गिरते भू जल स्तर के कारण पूरा जिला डार्क जोन घोषित हो चुका है। बावजूद इसके कस्बे में अवैध व्हीकल वॉ¨शग स्टेशन बेतहाशा पानी बहाने में लगे हुए हैं। प्रशासन से बिना किसी तरह की अनुमति और वैध लाइसेंस के घरौंडा में 12 से अधिक वॉ¨शग स्टेशन धड़ल्ले से चल रहे हैं। सर्विस स्टेशनों पर सबमर्सीबल पंप लगाकर लगातार भूमिगत जल का दोहन किया जाता है। इस तरफ न तो सरकार का ध्यान है और न ही विभागीय अधिकारियों का। एक-एक वाहन को धोने में सैकड़ों लीटर पानी की बर्बादी कर सरकार के जल संरक्षण अभियान पर पलीता लगाया जा रहा है।
जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक घरौंडा में लगे सर्विस स्टेशनों ने उनके विभाग से किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली है, ये सभी अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं। हालांकि विभाग ने कुछ सर्विस स्टेशन के खिलाफ नोटिस जरूर जारी किए हैं।
गाड़ी धोने में लगता है 15 से 200 लीटर पानी
सर्विस स्टेशन संचालकों के मुताबिक एक मोटर साइकिल को धोने में लगभग 15 लीटर पानी, जबकि कार व ट्रैक्टर को वॉश करने में 50 लीटर पानी लग जाता है। यदि बड़े वाहनों की बात की जाए तो कैंटर पर 100 लीटर पानी लगता है। वहीं ट्रक जैसे वाहनों पर 200 लीटर पानी की खपत हो जाती है। बाइक को धोने में जहां 30 तो ट्रक जैसे वाहनों को वॉश करने के लिए 350 रुपये तक लिए जाते हैं।
नालों में बहता है पानी, नहीं होता रि-साइकिल
सर्विस स्टेशन संचालकों के अनुसार जब किसी वाहन को धोया जाता है तो इस पानी में गाड़ियों के डीजल, ऑयल, कास्टिक व अन्य केमिकल मिल जाता है। जिस कारण इस पानी को दोबारा इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। इसलिए इसे नाले में बहा दिया जाता हैं। कुछ अन्य संचालकों का कहना है कि इस पानी को रि-साइकिल कर इस्तेमाल किया जा सकता है।
वर्जन
व्हीकल वॉ¨शग स्टेशनों ने जनस्वास्थ्य विभाग से किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली हैं। ये सर्विस स्टेशन अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं। विभाग की ओर से सर्विस स्टेशन के संचालकों को कई बार नोटिस भी जारी किए गए हैं। यदि कोई कोई शिकायत आती है तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
रवींद्र कुमार, जेई पब्लिक हेल्थ घरौंडा।