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वायरल से बेहाल लोग, केसीजीएमसी की ओपीडी 2700 पार, जीएच में 1000 से ज्यादा हुई

वेक्टर जनित बीमारियों से लोग बेहाल हैं। घर-घर में लोग वायरल की चपेट में हैं। खासकर बच्चे ज्यादा पीड़ित हैं। जिले में स्थिति ऐसी है कि कल्पना चावला राजकीय मेडिकल में ओपीडी 2700 के पार पहुंच चुकी है और नागरिक अस्पताल में 1000 से ज्यादा ओपीडी क्रॉस कर चुकी है। बारिश के बाद पैदा होने वाली बीमारियां डेंगू, मलेरिया, उल्टी दस्त पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है लेकिन स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज व नागरिक अस्पताल में रजिस्ट्रेशन व मेडिसन काउंटर पर लगी भीड़ से यह स्पष्ट है कि मरीज बीमारियों से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 02:29 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 02:29 AM (IST)
वायरल से बेहाल लोग, केसीजीएमसी की ओपीडी 2700 पार, जीएच में 1000 से ज्यादा हुई
वायरल से बेहाल लोग, केसीजीएमसी की ओपीडी 2700 पार, जीएच में 1000 से ज्यादा हुई

जागरण संवाददाता, करनाल : वेक्टर जनित बीमारियों से लोग बेहाल हैं। घर-घर में लोग वायरल की चपेट में हैं। खासकर बच्चे ज्यादा पीड़ित हैं। जिले में स्थिति ऐसी है कि कल्पना चावला राजकीय मेडिकल में ओपीडी 2700 के पार पहुंच चुकी है और नागरिक अस्पताल में 1000 से ज्यादा ओपीडी क्रॉस कर चुकी है।

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बारिश के बाद पैदा होने वाली बीमारियां डेंगू, मलेरिया, उल्टी दस्त पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया है लेकिन स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज व नागरिक अस्पताल में रजिस्ट्रेशन व मेडिसन काउंटर पर लगी भीड़ से यह स्पष्ट है कि मरीज बीमारियों से परेशान हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बीमारियों से बचाव के लिए उनका निरंतर अभियान चला हुआ है।

इस मौसम में बढ़ जाते हैं रोगी

वेक्टर जनित बीमारी जापानी बुखार, डेंगू, मलेरिया, उल्टी दस्त जैसी बीमारियां हो जाती हैं। क्योंकि ऐसे मौसम में संक्रमण जल्दी फैलता है। थोड़ी सी लापरवाही व्यक्ति को भारी पड़ जाती है। अमूमन जापानी बुखार के मरीज अप्रैल से लेकर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक मिलते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने हिदायत बरतने का निर्देश जिला स्वास्थ्य विभाग को देते हुए ठोस कदम उठाने को कहा है।

यह दिए गए हैं निर्देश

- आशा कर्मियों को घर-घर जाकर संबंधित रोग के संदिग्ध मरीजों की जानकारी लेकर सूचना देनी है।

- आशा की रिपोर्ट पर संबंधित सीएचसी व पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी को मरीज की प्राइमरी जांच करनी होगी।

- जिला मलेरिया विभाग में खुला नियंत्रण कक्ष से शहर क्षेत्र के डेंगू रोगियों की लिस्ट दुरुस्त रखनी होगी।

- प्रभावित मोहल्ले में एंटी लारवा अभियान के साथ, दवाइयों का छिड़काव सुनिश्चित करना होगा।

- रोडवेज को भी निर्देश दिए हैं कि वह वर्कशॉप में पड़े टायरों को ढ़ककर रखें या उसे किसी सुरक्षित स्थान पर रखवाएं, ताकि यहां पर बरसात का पानी एकत्रित ना। कैसे करें बीमारियों से बचाव

- बिस्तर पर मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।

- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

- बुखार के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत संबंधित डॉक्टर से बातचीत करें।

- अपने आसपास पानी एकत्रित ना होने दें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। डेंगू का केस आता है तो स्वास्थ्य विभाग को कराना होगा अवगत

स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं कि यदि उनके पास डेंगू का कोई कन्फर्म केस सामने आता है तो उसकी सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराई जाए। विभाग का कहना है एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू कन्फर्म माना चाहिए। कार्ड टेस्ट से डेंगू कन्फर्म नहीं माना जा सकता। अभी तक 1350 को किया नोटिस जारी

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सरोज बाला के मुताबिक घर-घर जाकर एंटी मलेरिया अभियान चलाया हुआ है। अभी तक हमने 1350 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। यहां पर दोबारा लारवा मिलता है तो उनको जुर्माना किया जाएगा। विभाग की चार टीमें लगातार एंटी लारवा एक्टिविटी कर रही हैं। इस बार स्थिति नियंत्रण में है। अभी तक महज 7 डेंगू के केस पॉजीटिव मिले हैं और सात केस ही मलेरिया के मिले हैं।


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