एक ही जगह दो-दो राइस मिल दिखाकर कर रहे गोलमाल
सरकार को चपत लगाने वाले राइस मिल कई रास्तों से काम करते हैं। पहले धान खरीद के समय निर्धारित मापदंड से ज्यादा धान अलाट करवा ली जाती है। सबसे बड़ी हैरत की बात यह है कि कुछ राइस मिल संचालक ऐसे भी हैं जिन्होंने एक ही स्थान पर दो-दो राइस मिल चलाने का भी लाइसेंस लिया हुआ है। यानि एक ही स्थान पर दो मिल चालू हालत में दिखा देते हैं।
अश्विनी शर्मा, करनाल
सरकार को चपत लगाने वाले राइस मिल कई रास्तों से काम करते हैं। पहले धान खरीद के समय निर्धारित मापदंड से ज्यादा धान अलॉट करवा ली जाती है। हैरत की बात यह है कि कुछ राइस मिल संचालक ऐसे भी हैं, जिन्होंने एक ही स्थान पर दो-दो राइस मिल चलाने का भी लाइसेंस लिया हुआ है। यानि एक ही स्थान पर दो मिल चालू हालत में दिखा देते हैं। यह सभी विभाग के अधिकारी की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता। यही वजह है कि डीएफएसससी निशांत राठी ने भी अपनी सातों टीम को सख्त निर्देश दिए हैं कि जांच के दौरान इस तरह की मिलों पर सख्ताई से नजर रखें।
धान खरीद के समय भी यह आरोप सामने आए थे कि विभाग की ओर से निर्धारित संख्या से ज्यादा जीरी कई राइस मिल संचालकों को अलॉट की गई है। लेकिन उस समय यह मामला दबा दिया गया था। लेकिन अब फिर दैनिक जागरण ने चावल घोटाले का खुलासा किया तो यह पहलू फिर उभरकर सामने आ रहा है। सबसे हैरानी की बात यह है कि करीब आठ राइस मिल ऐसी हैं, जो कई जगह पर संचालित की जा रही है। बड़ी मात्रा में धान अलॉटमेंट करवाने के चलते कागजों में ही यह मिल दिखा दी जाती है। उसमें यह भी यदि जांच टीम फिजिकल वेरीफिकेशन के लिए जाती है तो उसे वहां पड़े स्टॉक को पहली फर्म में दिखा दिया जाता है और दूसरी टीम को उसी स्टॉक को दूसरी फर्म में दर्शा दिया जाता है। विभाग की ओर से करनाल मंडी में धान खरीद की जिम्मेदारी देखने वाले इंस्पेक्टर समीर वशिष्ट ने कहा कि उन्होंने किसी मिल का रजिस्ट्रेशन नहीं किया। इस मामले में विभाग के आला अधिकारी ही बात कर सकते हैं। डीएफएससी निशांत राठी ने कहा कि यदि इस तरह की मिल हैं तो वह भी जांच के दायरे में आएंगी। इस संबंध में उनकी ओर से गठित सातों टीम को निर्देश दिए गए हैं। पांच मिलों की प्रॉपर्टी होगी अटैच
डीएफएससी निशांत राठी ने कहा कि करीब पांच और राइस मिलों की प्रापर्टी अटैच करने की कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। जहां से यह लगेगा कि सरकार को चावल की रिकवरी नहीं हो रही है तो उसकी वसूली के लिए राइस मिल की प्रापर्टी अटैच की जाएगी। अभी 16 राइस मिलों की प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से गठित सात जांच टीमें भी फिजिकल वेरीफिकेशन के कार्य में लगी हैं। टीमों को जांच पूरी गहनता से करने के सख्त निर्देश दिए हुए हैं। ताकि कहीं कोई चूक नहीं रह जाए। अभी तक हो चुकी है करीब 30 राइस मिल में चेकिग
एडीसी अशोक बंसल की ओर से गठित छह जांच टीमों ने तीन दिन में करीब 30 राइस मिलों की चेकिग पूरी कर ली है। जांच टीम अपनी अपनी रिपोर्ट एडीसी को सौंप रही है। एडीसी इन रिपोर्ट को कंपाइल करके मुख्यालय भेजेंगे। प्राथमिक चरण में चिह्नित 41 राइस मिल की चेकिग का काम सोमवार तक पूरा हो जाएगा।