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असंध-करनाल रोड पर दो कार टकराईं, दो महिलाओं सहित छह घायल

संवाद सहयोगी असंध करनाल रोड स्थित होटल यश के सामने स्विफ्ट और क्विड कार की टक्कर लगने से दो महिलाओं सहित छह लोगों को चोट आई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 09:35 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 09:35 PM (IST)
असंध-करनाल रोड पर दो कार टकराईं, दो महिलाओं सहित छह घायल
असंध-करनाल रोड पर दो कार टकराईं, दो महिलाओं सहित छह घायल

भागलपुर। भागलपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिले लगभग चार साल होने को है। लेकिन, अब तक एक भी काम यहां नियोजित तरीके से नहीं किया जा रहा है। यहां की सड़कों पर अब भी गड्ढे हैं, लेकिन स्मार्ट सिटी योजना के पैसे से इन्हें चकाचक रखने के लिए 2017 में दो हाइटेक स्वीपिंग मशीन खरीद ली गई। नतीजा 30-30 लाख की दो मशीन गोदाम में धूल फांक रहा है।

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दरअसल, हाइटेक स्वीपिंग मशीन के लिए स्मार्ट सड़क का होना जरूरी है। शहर की एक भी सड़क इस मानक पर खरे नहीं है, जहां स्वीपिंग मशीन से सफाई की जा सके। इसके बावजूद तत्कालीन नगर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह ने स्मार्ट सिटी की योजना से मशीन की खरीदारी करने का आर्डर जारी कर दिया। कल-पूर्जे पढ़ गए ढीले

मशीन का लगातार उपयोग नहीं होने से कल-पूर्जे अब ढीले पड़ने लगे हैं। एक तकनीकि अधिकारी ने बताया की अभी इस मशीन को आसानी से स्टार्ट भी नहीं किया जा सकता है। बैट्री आदि पूरी तरह डिस्चार्ज हो गई है। पानी की वजह से स्टेरिग से लेकर गियर व चक्के भी जाम हो गए हैं। अब इसकी मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च होंगे। दो कंपनी ने की थी मशीन की आपूर्ति

भागलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दो अलग-अलग कंपनियों ने स्वीपिंग व जेटिंग मशीन की आपूर्ति की थी। इसमें दिल्ली की टीपीएस इंफ्रोस्ट्रेक्चर व पटना के मौर्या मोटर शामिल हैं। हालांकि कंपनी को भुगतान भी नहीं किया गया है। इसके बाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने नगर निगम प्रशासन को उपयोग के लिए हैंडओवर कर दिया है। बहरहाल यह मशीन नगर निगम गोदाम में धूल फांक रही है। स्वीपिंग मशीन की विशेषता

-800 से लेकर एक हजार लीटर डस्ट भंडारण की है क्षमता

- एक घंटे में पांच से आठ किमी तक सड़क की सफाई

-15 श्रमिकों का अकेले मशीन करने में सक्षम

- सड़क किनारे से रेपर व डस्ट उठाने में सक्षम

- मशीन में जमा धूल को सीधे कंपेक्टर में डालने की सुविधा - एनजीटी ने भी स्वीपिंग मशीन से सफाई का दिया है निर्देश

कोट ..

तीन वर्ष पहले उद्घाटन किए थे, लेकिन इससे काम नहीं हो रहा है। जबकि 18 से 23 वार्ड में स्मार्ट सिटी का कार्य होना है। यहां की सड़कों की भी सफाई नहीं हुई। स्मार्ट सिटी राशि का दुरुपयोग हो रहा हे। इसकी शिकायत सरकार से की जाएगी।

- सीमा साहा, मेयर कोट..

सड़कों की स्थिति मशीन के उपयुक्त नहीं है। उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है। स्मार्ट सड़क की निविदा अंतिम चरण है। इन सड़कों की सफाई में मशीन का इस्तेमाल होगा।

- सत्येंद्र प्रसाद वर्मा उपनगर आयुक्त


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