पोलिथिन बंद करने के लिए व्यापारियों ने मांगा समय
करनाल नगर व्यापार मंडल के प्रधान कृष्णलाल तनेजा ने बताया कि इतनी सख्ती सही नहीं है। कम से कम कुछ तो रियायत मिलनी चाहिए।
धर्मसिंह, करनाल : नगर निगम की पोलिथिन के खिलाफ चलाई जा रही कार्रवाई से परेशान शहर के व्यापारियों ने बैठक बुला रोष व्यक्त किया। पोलिथिन के थोक विक्रेताओं के अनुसार निगम ने यह कार्रवाई अचानक की है। उनका माल अटक गया है। अब उन्हें कुछ समय दिया जाए।
व्यापारी विकास कुमार, सन्नी, विकास व गुलशन खुराना ने कहा कि जो माल उनके पास पड़ा है, अब वह इसका क्या करेंगे? इस तरह से तो उनका खासा नुकसान हो जाएगा। इस समस्या का कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। करनाल नगर व्यापार मंडल के प्रधान कृष्णलाल तनेजा ने बताया कि इतनी सख्ती सही नहीं है। कम से कम कुछ तो रियायत मिलनी चाहिए। इसी तरह की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को नेहरू पैलेस में करनाल नगर व्यापार मंडल की बैठक हुई। इसमें नगर निगम के डीएमसी धीरज कुमार को भी आमंत्रित किया गया था।
नॉन वूलन कैरी बैग को मान्यता देने की मांग की
बैठक में आए व्यापारियों ने कहा कि नॉन वूलन कैरी बैग दूसरे प्रदेशों में मान्य है। इस बैग को तो कम से कम करनाल में भी मान्यता मिलनी चाहिए। व्यापारियों ने बताया कि यह बैग पतले पोलिथिन से बनाया जाता है। इसके चलते इससे पर्यावरण को नुकसान कम होता है। यदि इस बैग को इजाजत मिल जाए तो यहां व्यापारियों को खासी राहत मिल सकती है।
न समय दिया जा सकता, न नॉन वूलन कैरी बैग को मंजूरी
बैठक में धीरज कुमार ने कहा कि नॉन वूलन कैरी बैग कतई भी मान्य नहीं है। कोई भी कैरी बैग, जिसमें प्लास्टिक का यूज होता हो वो मान्य नहीं है। सिर्फ वही कैरी बैग मान्य हैं जो कंपोस्टेबल हों, जैसे कपड़े, कागज, गत्ता। उन्होंने कहा कि हम सब मिल कर कोशिश करेंगे तो किसी व्यापारी का चालान काटने की नौबत नहीं आएगी। लेकिन इसके लिए सभी को सहयोग करना होगा।
छह साल पहले बैन हो गई थी पोलिथिन
धीरज कुमार ने कहा कि 2013 में पोलिथिन पर बैन लग गया था, लेकिन इस नियम को सही से लागू नहीं किया गया। अब इस बारे में एनजीटी ने हर राज्य के मुख्य सचिव को जवाबदेह बनाया है। ऐसे में किसी तरह की छूट नहीं दी जा सकती।
कंपोस्टेबल कैरी बैग बैंक की स्थापना करें व्यापारी तो निगम देगा मदद
धीरज कुमार ने कहा कि अगर व्यापारी कंपोस्टेबल कैरी बैग बैंक की स्थापना करें तो नगर निगम उनकी सहायता करेगा। उन्हें कपड़े या कागज के कैरी बैग मुहैया कराने में सहयोग के साथ-साथ सीएसआर के तहत पैसे से बैग खरीदकर भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
माइक्रोन के चक्कर में न पड़े थोक विक्रेता
बैठक के दौरान व्यापारियों ने कहा कि 50 माइक्रोन से ऊपर के बैग के लिए तो छूट है तो निगम के डीएमसी धीरज कुमार बोले- दुकानदार पोलिथिन के माइक्रोन के चक्कर में न पड़ें। माइक्रोन का संबंध केवल उन कंपनियों से है जो अपना सामान पोलिथिन में पैक कर बेचती है। बेची गई पैकिग के खाली रैपर जनता से वापसी के निर्देश के साथ एनजीटी ने उनको कुछ समय दिया है। माइक्रोन का खाली पोलिथिन बेचने से कोई लेना देना नहीं है।
कंपोस्टेबल कैरी बैग ही बेच सकते हैं दुकानदार
बैठक में पोलिथिन के थोक विक्रेता श्रवण कुमार, जयभगवान, अमित कुमार, विकास कुमार, सन्नी, विकास गुलशन खुराना ने कुछ समय देने की मांग की। जिसे नगर निगम के डीएमसी धीरज कुमार ने सिरे से खारिज कर दिया। करनाल नगर व्यापार मंडल के प्रधान कृष्णलाल तनेजा ने धीरज कुमार से कोई बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया तो उन्होंने व्यापारियों को कंपोस्टेबल कैरी बैग बैंक की स्थापना में सहयोग का भरोसा दिलाया।