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टीबी को समाप्त करने के लिए करें मिलजुल कर प्रयास : डॉ. राजीव गुप्ता

अमृतधारा माय अस्पताल आइटीआइ चौक के सीनियर डॉ. राजीव गुप्ता ने विश्व टीबी दिवस पर शनिवार को नागरिकों और संगठनों से अपील की कि इस रोग को समाप्त करने के लिए मिल-जुलकर प्रयास करें।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Mar 2018 05:51 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 08:46 PM (IST)
टीबी को समाप्त करने के लिए करें मिलजुल कर प्रयास : डॉ. राजीव गुप्ता
टीबी को समाप्त करने के लिए करें मिलजुल कर प्रयास : डॉ. राजीव गुप्ता

जागरण संवाददाता, करनाल : अमृतधारा माय अस्पताल आइटीआइ चौक के सीनियर डॉ. राजीव गुप्ता ने विश्व टीबी दिवस पर शनिवार को नागरिकों और संगठनों से अपील की कि इस रोग को समाप्त करने के लिए मिल-जुलकर प्रयास करें।

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उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार भारत में अभी भी 25 लाख के करीब टीबी के रोगी हैं और हर साल 2 लाख के करीब लोगों की मृत्यु टीबी के कारण होती है। ज्यादातर टीबी के मरीज सार्वजनिक तौर पर बताने से डरते हैं। जिस कारण इस बीमारी का इलाज नहीं होता या बीच में रोक दिया जाता है।

टीबी के मुख्य लक्षण 4 से 5 हफ्ते पुराना बुखार, खांसी, बलगम और बलगम के साथ कभी-कभी खून आना, रात को बुखार, पसीना आना, मरीज का कमजोर होना या भूख कम लगना है। टीबी के टेस्ट किसी भी सरकारी अस्पताल में कराए जा सकते हैं। यह रोग फेफड़ों के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है जैसे दिमाग, हड्डियों, किडनी, स्किन और महिलाओं की बच्चेदानी में। इन सबके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। यदि किसी को टीबी है तो 6 महीनों का इलाज पूरा करना चाहिए। जोकि सरकारी अस्पताल में फ्री मिलता है। अगर टीबी की दवा खाने से मूत्र व बलगम का रंग लाल हो तो डरना नहीं चाहिए, अगर उल्टियां लग जाएं तो डॉक्टर के पास जाकर लीवर की जांच करानी चाहिए।

डॉ. राजीव ने बताया कि भारत सरकार ने सभी डॉक्टरों को टीबी के मरीजों का रिकॉर्ड रखने के लिए कहा है। इससे इसके सभी मरीजों पर ध्यान दिया जा सकेगा। केंद्र सरकार इस रिकॉर्ड के लिए जल्द ही निक्षय नाम से एक मोबाइल फोन एप लांच कर रही है।

अमृतधारा माय अस्पताल के डॉ. ध्रुव गुप्ता ने बताया कि उनके अस्पताल में एक सॉफ्टवेयर बनाया है। जिससे अस्पताल के सभी डॉक्टर टीबी के मरीज का रिकॉर्ड रखेंगे और बाद में इसे निक्षय एप भेज दिया जाएगा।


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