पांच हजार लोगों के साथ ठगी : एक एफआइआर तक दर्ज नहीं करा रहा प्रशासन
कन्यादान राशि के तौर पर दो लाख रुपये बैंक खातों में आने का झांसा देकर ठग जिले के पांच हजार से ज्यादा परिवारों से पांच-पांच सौ रुपये ले गए। अब पीड़ित प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्रशासन को एक भी ऐसा पीड़ित नहीं मिल रहा जिसके नाम पर शिकायत दर्ज कराई जाए।
जागरण संवाददाता करनाल : कन्यादान राशि के तौर पर दो लाख रुपये बैंक खातों में आने का झांसा देकर ठग जिले के पांच हजार से ज्यादा परिवारों से पांच-पांच सौ रुपये ले गए। अब पीड़ित प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन को एक भी ऐसा पीड़ित नहीं मिल रहा जिसके नाम पर शिकायत दर्ज कराई जाए। इसी को आधार बनाते हुए अभी तक इस ठगी की शिकायत पुलिस में दी नहीं गई।
महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला ने कहा कि जब तक कोई हमें आकर लिखित में किसी का नाम नहीं देता, हम कैसे शिकायत दे सकते हैं। यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश ढुल ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है? सरेआम ठगी हो जाए और अधिकारी यह बोल दे कि कोई शिकायत देने वाला नहीं है।
फिर यह प्रदर्शनकारी कौन है?
सवाल यह भी उठ रहा है कि यदि जिला कार्यक्रम अधिकारी के पास शिकायतकर्ता नहीं है तो फिर यह प्रदर्शनकारी कौन हैं? क्या इनके साथ ठगी नहीं हुई। क्यों नहीं अधिकारी इन पीड़ितों से बात कर मामला दर्ज कराते। इधर ठगों का गिरोह जिले में इस कदर सक्रिय है कि न सिर्फ इस योजना में बल्कि किसान पेंशन योजना में भी इसी तरह से ठग किसानों को ठग गए थे। यानी ठग लगातार सक्रिय हैं अधिकारी शिकायतकर्ता के इंतजार में बैठ कर लोगों को लुटवा रहे हैं।
अधिकारियों की भूमिका की जांच होनी चाहिए
भ्रष्टाचार मिटाओ मंच के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने कहा कि ठगी के इस धंधे को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। ऐसा कैसे हो सकता है कि ठग इतने बड़े स्तर पर वारदात को अंजाम दे और अधिकारियों को इसका पता ही न चले।
सरकार की हो रही फजीहत
कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज पूनिया ने कहा कि पांच हजार लोगों के साथ ठगी हो गई। पीड़ित हाथ में फार्म लिए यहां वहां भटक रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि जानबूझ कर उनके फार्म जमा नहीं हो रहे हैं। वह रोष जता रहे हैं, अधिकारी न तो पीड़ितों को समझा पा रहे हैं। न ठगी पर रोक लगा पा रहे हैं, आखिर कर क्या रहे हैं? पूनिया ने कहा कि यदि जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे तो सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
पुलिस ने फोटोस्टेट संचालक को छोड़ा
इधर जिस फोटो स्टेट संचालक को पुलिस ने पूछताछ के लिए उठाया था, उसे भी छोड़ दिया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस को उससे कुछ जानकारी नहीं मिल पाई है। इसलिए उसे छोड़ दिया गया है। लेकिन पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने संचालक से सही से पूछताछ नहीं की।
शिकायतकर्ता नहीं है, यह सिर्फ बहाना भर
पूर्व एडीजीपी वीएन राय ने कहा कि पुलिस स्वयं संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि सड़क किनारे कोई अज्ञात लाश मिलती है तब भी तो पुलिस मामला दर्ज करती है। इसलिए यह सिर्फ बहाना है कि कोई शिकायतकर्ता नहीं है। अधिकारी स्वयं भी शिकायत देकर ठगी का मामला दर्ज करा सकता है।