आग के तांडव से हजारों एकड़ फाने जले, आग बुझाने के प्रयास में पांच झुलसे
क्षेत्र में पूरा दिन लोग आग से जूझते रहे लेकिन खुद को नुकसान से नहीं बचा पाए। कैथल के गांव हाबड़ी व सिरसल के बीच बने पेट्रोल पंप से शुरू हुई आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। जिसे बुझाने के लोगों ने काफी प्रयास किए। लेकिन असफल रहे।
संवाद सूत्र, निसिग : क्षेत्र में पूरा दिन लोग आग से जूझते रहे, लेकिन खुद को नुकसान से नहीं बचा पाए। कैथल के गांव हाबड़ी व सिरसल के बीच बने पेट्रोल पंप से शुरू हुई आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। जिसे बुझाने के लोगों ने काफी प्रयास किए। लेकिन असफल रहे। सूचना पर फायर ब्रिगेड कर्मियों ने आग बुझाने के लिए पूरी ताकत लगाई, लेकिन तेज हवा के कारण आगे बढ़ती ही चली गई। जो रूकसाना गांव के खेतों से होकर चोरकारसा व डाचर पहुंची। हालांकि किसानों ने आग के पहुंचने से पहले ट्रैक्टरों से खेतों की जुताई कर रोकने के प्रयास किए। वहीं सैकड़ों ग्रामीणों ने हरे पेड़ों की टहनियों से आग बुझाने की निरंतर कोशिश की। इस दौरान पांच युवक आग बुझाने के प्रयास में ट्रैक्टर की चपेट में आ गए, कुछ आग की चपेट में आ गए। जिन्हें उपचार के लिए सीएचसी में दाखिल कराया गया है, हालात गंभीर देखकर उन्हें कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया है। हादसे में घायल ओमप्रकाश की हालात गंभीर बनी हुई है, वहीं सुरजीत, विशाल, सुरेश व साहिल की हालात में सुधार है।
इधर हालात बिगड़ने पर असंध, निगदू, तरावड़ी, चिड़ाव, निसिग व करनाल सहित आधा दर्जन गाड़ियां पहुंची। लेकिन आग का तांडव बरकरार रहा। डाचर से गुजरती करीब 60 फुट चौड़ी नर्दक नहर के ऊपर से भी आग ने छलांग लगा दी। जो जलमाना की तरफ बढ़ गई। दिनभर मचे आग के तांडव में दर्जनभर गांवों के हजारों एकड़ खेतों के अवशेषों को खाक में मिला दिया दिया।
जानकारी के अनुसार डाचर में स. हरपिद्र सिंह के चार एकड़, त्रिलोचन सिंह के दो एकड़, छबेग सिंह, जोगा सिंह व सूखा सिंह की तूड़ी जल गई। इसके अलावा कई गांवों में आग से हजारों एकड़ फानों सहित गेहूं, तूड़ी व अन्य सामान जलने से भारी नुकसान पहुंचा।