इस साल करनाल से मेरठ की राह होगी आसान
जागरण संवाददाता करनाल हरियाणा से मेरठ और शामली सहित कई जिलों को जोड़ने की राह
जागरण संवाददाता, करनाल: हरियाणा से मेरठ और शामली सहित कई जिलों को जोड़ने की राह इस साल आसान होगी। बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट के तहत बीते साल के आखिरी पड़ाव में करनाल से मेरठ रोड को चौड़ी करने के काम ने गति पकड़ ली थी। चौड़ीकरण को लेकर पिछले तीन माह से कार्य जारी है। करीब साढे 14 किलोमीटर लंबी यह सड़क मेरठ रोड चौक से शुगर मिल तक छह लेन और इससे आगे यमुना पुल तक चार लेन की बनाई जाएगी। बीच में डेढ़ मीटर चौड़ा डिवाइडर रहेगा। इस पर अनुमानित 105 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
बनाए जाएंगे तीन पुल
करनाल से मेरठ के बीच में इस रोड के निर्माण से पहले कल्वर्ट बनाए जाएंगे। तीन पुल भी बनेंगे, जो आवर्धन नहर, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के पास तथा एक अन्य जगह तैयार किए जाएंगे। इस सड़क को चौड़ी करने के लिए खुदाई का कार्य शुरू हो गया है। पहले सिटी एरिया का काम पूरा करेंगे, इसके बाद आगे का काम शुरू होगा। उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली महत्वांकाक्षी और बहुपयोगी सड़क को चौड़ा कर इसे यातायात के अनुकूल बनाया जाएगा। इसके लिए सड़क के दोनों ओर मौजूदा साढे़ सात मीटर से बढ़ाकर साढे़ 12 मीटर चौड़ाई की जाएगी और यह 6 और 4 लेनिग में तैयार होगी। इस पर दोनों ओर के वाहनों को आने-जाने में सुविधा रहेगी। मौजूदा सड़क स्ट्रक्चर की मीलिग कर इस पर कारपेटिग से मजबूत व सुंदर बनाया जाएगा। हादसों पर लगेगा अंकुश
करनाल-मेरठ रोड़ का मौजूदा स्वरूप सिगल रोड का है, जबकि इस पर वाहनों के आवागमन की अधिकता बनी रहती है। परिणामस्वरूप जाम की स्थिति बन जाती है, इससे वाहन चालकों को असुविधा झेलनी पड़ती है। सड़क को चौड़ी करने के बाद यातायात सुगम होगा, समय की बचत होगी और दुर्घटनाएं व जाम का अंदेशा नहीं रहेगा। इन जिलों को होगा फायदा
करनाल से मेरठ तक सड़क के चौड़ीकरण से हरियाणा व उत्तरप्रदेश के कई जिलों को लाभ होगा। हरियाणा में इस सड़क लाभ करनाल के साथ ही कुरुक्षेत्र, कैथल व जींद के लोगों को होगा। जबकि उत्तप्रदेश के शामली, मुज्जफरनगर, मेरठ व सहारनपुर के लोगों को इस सड़क का लाभ होगा। वर्जन
इस सड़क का निर्माण कार्य तेजी से करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। इस सड़क के चौड़ी होने से उत्तप्रदेश व हरियाणा के लोगों को लाभ होगा। सड़क के निर्माण पर लगातार नजर रखी जा रही है।
निशांत यादव, डीसी, करनाल