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स्वाइन फ्लू के तीन संदिग्ध केस एक की रिपोर्ट नेगेटिव, दो पें¨डग

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल दिल्ली भेजे सैंपल आज आएगी रिपोर्ट, फिलहाल बीमार महिला आ

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 08:22 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 03:07 AM (IST)
स्वाइन फ्लू के तीन संदिग्ध केस एक की रिपोर्ट नेगेटिव, दो पें¨डग
स्वाइन फ्लू के तीन संदिग्ध केस एक की रिपोर्ट नेगेटिव, दो पें¨डग

जागरण संवाददाता, करनाल

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जिले में स्वाइन फ्लू के तीन संदिग्ध केस सामने आए हैं। इनमें से एक की रिपोर्ट नेगेटिव है। जबकि दो केसों के सैंपल जांच के लिए एनसीडीसी दिल्ली भेजे गए हैं। गुरुवार को इनकी रिपोर्ट मिल जाएगी। फिलहाल दयानंद कॉलोनी निवासी महिला सोना देवी को कल्पना चावला स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में स्वास्थ्य विभाग की मोनीटि¨रग में रखा गया है। दूसरा केस कटा बाग निवासी धर्मसिंह का है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन्हें फिलहाल मॉनिट¨रग में रखा गया है।

इसके अलावा घरौंडा निवासी महिला संतोष को स्वाइन फ्लू की आशंका के चलते दाखिल किया गया था। इसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इसलिए इन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

दूसरी ओर सिविल सर्जन ने निर्देश दिए हैं कि स्वाइन फ्लू के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरती जाए। यदि कोई संदिग्ध मरीज आता है तो उसकी जांच की जाए। इसकी जानकारी हमारे पास जरूर भेजें। रैपिड रिस्पोंस टीम की नोडल अधिकारी डॉ. सरोज बाला ने कहा कि टैमीफ्लू दवाएं मंगा ली हैं। इसके अलावा मास्क भी आ चुके हैं। उनका वितरण सुनिश्चित कराया जा रहा है। स्कूली बच्चों को प्रार्थना में दी जाएगी स्वाइन फ्लू की जानकारी

स्वास्थ्य विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया है कि सुबह स्कूल में सुबह प्रार्थना के समय स्कूली बच्चों को स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी दें। इसके लक्षणों के बारे में बताएं और उन्हें जागरूक करें। इसके अलावा यह भी निर्देश दिए कि यदि स्कूल में खांसी-जुकाम या वायरल से प्रभावित कोई बच्चा आता है तो उसको छुट्टी दें। मेडिकल कॉलेज और नागरिक अस्पताल में बना आइसोलेशन वार्ड

स्वाइन फ्लू की दस्तक के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने अपने इंतजार पुख्ता करने शुरू कर दिए हैं। शुक्रवार को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में छह बेड के आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था कर दी है। इसके अलावा आठ वेंटीलेटर भी वर्किंग में रहेंगे, जिससे कि विकट स्थिति में मरीजों को रेफर ना करना पड़े। नागरिक अस्पताल में भी आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। चार निजी अस्पतालों से भी टाइअप

स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर तो इंतजाम कर दिए हैं। इसके अलावा चार निजी अस्पतालों से भी टाइअप किया है। स्वाइन फ्लू तेजी से फैला तो उससे निपटने के लिए इंतजाम किए हैं। अमृतधारा माई अस्पताल, ज्ञानभूषण नर्सिग होम, रामचंद मेमोरियल और अर्पणा अस्पताल में आपातस्थिति में मरीजों को दाखिल करने की व्यवस्था की है। स्वाइन फ्लू के सात प्रमुख लक्षण

-तेज के साथ नाक बहना

-खांसी ओर गले में खराश

-सांस लेने में कठिनाई

-मांसपेशियों में दर्द होना

-थकान और सर्दी लगाना

-दस्त और उल्टी लगना

-थूक के साथ खून आना आठ वर्षो में ये रही स्थिति

वर्ष संदिग्ध पॉजिटिव मौत

2010 87 08 03

2011 05 00 00

2012 05 00 00

2013 95 26 04

2014 00 00 00

2015 32 21 02

2016 00 01 01

2017 15 06 00

2018 03 00 00 नोट: ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की ओर जारी किए गए हैं। वर्ष 2015 में 21 में से 12 केस दूसरे जिलों के आए, जिसमें से एक की मौत हुई थी। स्वाइन फ्लू से सबसे ज्यादा प्रभावित यह श्रेणी होती है

-लंबी बीमारी से ग्रस्त लोग

-65 से अधिक आयु वाले व्यक्ति

-5 वर्ष से कम आयु के बच्चे

-गर्भवती महिलाएं ये करें?

-हाथ मिलाने और गले मिलने के बजाय नमस्ते बोलें।

-खांसते और छींकते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल से ढके।

-अपने नाक, कान अथवा मुंह को छूने से पहले अथवा बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं।

-भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आएं।

-अच्छी नींद लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।

-पानी का अधिक सेवन करें और पौष्टिक आहार लें।


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