Move to Jagran APP

कंप्यूटर सेंटर पर काम करने वाली महिला ने 200 रुपये लेकर कराए डाक्यूमेंट अटेस्ट, डाक्टरों ने पकड़ा

जागरण संवाददाता, करनाल ग्रुप-डी की भर्ती के लिए परीक्षा देने दूसरे जिलों से आए उम्मीदवारो

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 02:24 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 02:24 AM (IST)
कंप्यूटर सेंटर पर काम करने वाली महिला ने 200 रुपये लेकर कराए डाक्यूमेंट अटेस्ट, डाक्टरों ने पकड़ा
कंप्यूटर सेंटर पर काम करने वाली महिला ने 200 रुपये लेकर कराए डाक्यूमेंट अटेस्ट, डाक्टरों ने पकड़ा

जागरण संवाददाता, करनाल

loksabha election banner

ग्रुप-डी की भर्ती के लिए परीक्षा देने दूसरे जिलों से आए उम्मीदवारों के डॉक्यूमेंट सरकारी डॉक्टर से अटेस्ट कराने के नाम पर कंप्यूटर सेंटर पर कार्यरत एक महिला ने 200-200 रुपये वसूले। महिला के बार-बार अस्पताल में चक्कर काटने पर मामला खुला। अस्पताल के फोर्थ क्लास कर्मचारी ने महिला की जानकारी डाक्टरों को दी। उन्होंने महिला को पकड़कर पूछताछ की। मौके पर ही कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि उनसे पैसे लिए गए हैं। बाद में महिला को पुलिस के हवाले कर दिया। उम्मीदवारों ने बताया कि क्योंकि उनके एडमिट कार्ड और अन्य दस्तावेज अटेस्ट नहीं थे। यहां उन्हें कोई जानता नहीं था। इस वजह से उन्होंने कंप्यूटर सेंटर के मालिक से इस बाबत जानकारी मांगी। उसने बताया कि डॉक्यूमेंट अटेस्ट कराने के पैसे लगेंगे। इसलिए उन्होंने पैसे दे दिए। इस तरह पकड़ में आया गोरखधंधा

अब जिस भी उम्मीदवार को डाक्यूमेंट अटेस्ट कराने थे, वे इस सेंटर पर पहुंचते रहे। यहां उनसे पैसे लेकर कागज रख लिए जाते थे। उन्हें बताया जाता था थोड़ी देर में आ जाना। इसी बीच महिला अस्पताल में जाकर फार्म अटेस्ट करा लाती थी। जब वह बार-बार अस्पताल में कागज लेकर आती जाती रही तो एक कर्मचारी को उस पर शक हो गया। उसने यह जानकारी इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर को दी। यह जानकारी मिलने पर डॉक्टर तुरंत मौके पर पहुंचे और महिला से पूछताछ की। उन्हें गड़बड़ी की आशंका हुई तो तुरंत पुलिस को बुलाया गया। परीक्षा के दिन चलता है यह खेल

बताया जा रहा है कि यह खेल हर बार चलता है। इस सेंटर पर फार्म अटेस्ट करने वाले उम्मीदवारों की भीड़ रहती थी। आरटीआइ एक्टिविस्ट राकेश कुमार और संदीप ने बताया कि यह भी हो सकता है कि कंप्यूटर संचालक ने नकली मोहरे बनवा रखी हों। उन्होंने कहा कि इस तरह से देखा जाए तो इससे परीक्षा की गोपनीयता पर भी सवाल उठ सकता है। यदि डॉक्यूमेंट ही गलत तरीके से साइन हुए है तो फिर कैसे यह मान लिया जाए कि गड़बड़ नहीं हुई। मिलीभगत तो नहीं, बिना अभ्यर्थी के कैसे हुआ सत्यापन

बार-बार यदि एक महिला अस्प्ताल में फार्म अटेस्ट करा रही है तो उससे पहले ही पूछताछ क्यों नहीं हुई? सवाल उठ रहा है कि क्या इस खेल में अस्पताल का कोई कर्मचारी भी मिला था। जो फार्म पर मोहर लगा रहा था, क्योंकि एक साथ बड़ी संख्या में फार्म अटेस्ट नहीं हो सकते। इसलिए भी इस मामले की जांच जरूरी है। इतना ही नहीं यदि कोई भी व्यक्ति फार्म अटेस्ट कराता है तो वह खुद भी मौके पर होना चाहिए। जबकि उम्मीदवारों ने बताया कि हमारे पास तो कागज ले लिए जाते थे। बाकी का काम तो सेंटर संचालक ही करता था। वर्जन

सिविल लाइन थाना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया कि महिला के विरुद्ध कोई शिकायत नहीं आई है। कोई शिकायत आती है तो उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.