हड़ताल के कारण स्थिति खराब थी, इसको चुनौती के तौर पर लिया और सफलता भी पाई : प्रद्युमन ¨सह
फोटो---11 नंबर कल की है। सप्ताह का साक्षात्कार रोडवेज महाप्रबंधक ने दैनिक जागरण से क
फोटो---11 नंबर कल की है। सप्ताह का साक्षात्कार रोडवेज महाप्रबंधक ने दैनिक जागरण से की विशेष बातचीत, कहा- शुरू से ही रोडवेज से मेरा लगाव रहा, पहली पो¨स्टग भी जीएम रोडवेज चंडीगढ़ में मिली, डिपो की खस्ता हालत को सुधारने पर रहेगा फोकस जागरण संवाददाता, करनाल
रोडवेज महाप्रबंधक प्रद्युमन ¨सह ने कहा कि उन्होंने हड़ताल के दौरान ज्वाइन किया था। उस समय स्थित बेहद खराब थी। इस स्थिति को चुनौती के तौर पर लिया और हड़ताल होने के बावजूद 140 बसें आन रोड कर दी गई थी। लोगों की परेशानियों को देखते हुए दूसरे विभागों के ड्राइवरों को हायर किया। अप्रेंटिस करने वालों को कंडक्टर के तौर पर लगाया गया। स्थिति को नियंत्रित कर दिया। वह रविवार को साप्ताहिक साक्षात्कार के तहत दैनिक जागरण से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डिपो के हालात ठीक नहीं है उसको सुधारने का बीड़ा उठाया है। मैं ज्यादा तो नहीं कहूंगा पूरे छह माह में डिपो की परफार्मेस ठीक कर दूंगा। जो जरूरी फेरबदल हैं वह भी किए जाएंगे। रोडवेज डिपो की हालत को सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा भी उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में जवाब दिए जो इस प्रकार हैं। 0 सरकारी रिकार्ड के अनुसार करनाल डिपो 2.50 करोड़ सालाना घाटे में है उसे कैसे कवर किया जाएगा?
- सबसे पहले यह देखा जाएगा कि घाटे के कारण क्या हैं? सभी ¨बदुओं को चिह्नित कर एक-एक कर सभी खामियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। मेरी प्राथमिकता है कि डिपो को मुनाफे में कैसे लाया जाए, इसके लिए मैंने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। जब तक अपने लक्ष्य में कामयाब नहीं हो जाता पीछे नहीं हटूंगा। अगले छह माह में ही डिपो की परफार्मेस की स्थिति से आंकलन हो जाएगा। 0 डिपो में पिछले दिनों भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए थे, इनसे कैसे निपटा जाएगा?
भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पिछले दिनों जो भी मामले सामने आए हैं उनकी जानकारी ली जा रही है। उनकी निष्पक्ष जांच भी कराई जा रही है। इन मामलों में जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। सरकार के सिपाही के तौर पर वह काम कर रहे हैं। 0 करनाल में रोडवेज डिपो का यह आपका पहला अनुभव है, तो आप कैसे देखते हैं?
रोडवेज से मेरा शुरू से ही लगाव रहा है, क्योंकि मेरी पहली पो¨स्टग ही जीएम रोडवेज चंडीगढ़ में रही है। ऐसे में मुझे नब्ज पकड़नी आती है। इसके अलावा करनाल मेरा परिचित शहर है। आबोहवा को जानता हूं। आरटीए के तौर पर भी काम किया है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि कोई दिक्कत होगी। सभी बसों का नियमित रूप से संचालन हो इसके लिए हर संभव प्रयास रहेगा। 0 हड़ताल के दौरान आपकी ज्वाइ¨नग हुई थी, अचानक ऐसी स्थिति में आना आपके लिए कैसा अनुभव रहा?
बेहद चुनौतीपूर्ण। स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में मेरे सामने इस तरह की स्थिति में काम करना पहला अनुभव था, क्योंकि हड़ताल इतनी लंबी नहीं थी। लोग परेशान हो रहे थे तो उनकी संवेदना समझना भी मेरा काम था। ज्वाइन करने के अगले ही दिन हमने बसों का संचालन शुरू कराया। रोडवेज के अन्य अधिकारियों व स्टाफ का भी काफी स्पॉट मिला जिस कारण इस चुनौती से निपटने में सक्षम रहे। संक्षिप्त परिचय
प्रद्युमन ¨सह का जन्म 17 सितंबर 1979 को रोहतक में हुआ। प्राथमिक शिक्षा चंडीगढ़ से पूरी की। इसके बाद एलएलबी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पूरी की। वर्ष 2002 से 2008 तक वकालत की। सर्विस मैटर अधिक आते थे। कोर्ट के आदेश के बाद भी सर्विस मैटर को इंप्लीमेंट नहीं किया जाता था, ऐसे में सोचा कि क्यों न इसके पीछे के कारणों को जाना चाहिए। एचसीएस की तैयार की। 28 अक्टूबर को 2013 को एचसीएस की परीक्षा पास की और पहली पो¨स्टग जीएम रोडवेज चंडीगढ़ के तौर पर तैनात हुए। इसके बाद आरटीए करनाल, एसडीएम रतिया, एमडी शुगर मिल करनाल और अब रोडवेज जीएम करनाल की जिम्मेदारी मिली है, जिसको बखूबी निभाने को तैयार हैं।