Move to Jagran APP

आंख के रेटिना का ऑपरेशन होगा केसीजीएमसी में, नहीं जाना पड़ेगा चंडीगढ़ या रोहतक

अब रेटिना सर्जरी के लिए मरीजों को चंडीगढ़ या रोहतक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में इसका इलाज शुरू हो चुका है। मरीज को डायबिटीज है, तो उसका प्रभाव आंखों पर पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 01:42 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 01:42 AM (IST)
आंख के रेटिना का ऑपरेशन होगा केसीजीएमसी में, नहीं जाना पड़ेगा चंडीगढ़ या रोहतक
आंख के रेटिना का ऑपरेशन होगा केसीजीएमसी में, नहीं जाना पड़ेगा चंडीगढ़ या रोहतक

जागरण संवाददाता, करनाल : अब रेटिना सर्जरी के लिए मरीजों को चंडीगढ़ या रोहतक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में इसका इलाज शुरू हो चुका है। मरीज को डायबिटीज है, तो उसका प्रभाव आंखों पर पड़ता है। ऐसे में यदि उसकी समय पर जांच नहीं कराई तो रेटिना को काफी बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। इस प्रकार की मशीनें लगने से आने वाले समय में डायबिटीज से खराब होने वाले पर्दे का इलाज अब यहां पर संभव हो पाएगा। चोट के कारण भी रेटिना पर असर पड़ता सकता है। ऐसे में इन दोनों की केसों में यहां पर मरीज रेटिना की सर्जरी करा सकते हैं। पिछले कुछ समय से शुरू हुई इस सुविधा का करीब 80 मरीजों ने लाभ लिया है। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग अध्यक्ष डॉ. सुमित खंडूजा के मुताबिक आंख के भीतर रेटिना बेहद नाजुक हिस्सा होता है। कई बार रेटिना के आसपास गैर-जरूरी झिल्ली बन जाने से इनसान की आंखों की दृष्टि कम होने लगती है। यह हिस्सा अत्यंत बारीक होता है और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी पैदा होने पर मैनुअल सर्जरी के जरिये उसे हटाना बड़ी चुनौती होती है। एक साल में 2500 से अधिक आपरेशन हुए

loksabha election banner

कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में एक साल के अंदर करीब 2500 से अधिक ऑपरेशन हो चुके हैं। विभागाध्यक्ष का कहना है कि सुविधाओं को धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिलें, इसके लिए हमारा प्रयास जारी है। रोजाना होती हैं करीब 250 के करीब हो रही ओपीडी

नेत्र रोग विभाग में रोजाना करीब 250 से अधिक की ओपीडी होती है। जिसमें सामान्य आपरेशन भी होते हैं। नागरिक अस्पताल में आंख के ऑपरेशन शुरू नहीं होने के कारण अब ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं। वहां के केस कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में रेफर हो रहे हैं। औसत 20 से 25 ऑपरेशन हो रहे हैं।

दिल्ली में एक लाख तक खर्च

रेटिना की सर्जरी की दिल्ली के निजी अस्पतालों की बात करें, तो एक लाख रुपये तक खर्च आ जाता है, जबकि करनाल में निजी अस्पतालों में 40 से 45 हजार रुपये रेटिना सर्जरी पर खर्च आता है। ऐसे में अब मरीजों को फायदा यह होगा कि मेडिकल कॉलेज में महज चार से पांच हजार रुपये में सर्जरी कराई जा सकती है। पांच हजार रुपये रेटिना की सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होने वाले संसाधनों पर खर्च आता है। वर्तमान की व्यवस्था के अनुसार इतनी राशि मरीजों को वहन करनी पड़ती है। आयुष्मान योजना के तहत भी की रेटिना ऑपरेशन की सफल सर्जरी

नेत्र रोग के विभाग अध्यक्ष डॉ. सुमित खंडुजा ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत भी रेटिना की सफल सर्जरी हमने की है। अब तक करीब 80 रेटिना के पेसेंट की सफल सर्जरी की जा चुकी है। मरीज यहां पर आकर इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं। चंडीगढ़ और रोहतक पीजीआइ के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। भविष्य में हमारी कोशिश यही है कि इस प्रकार की सर्जरी की सुविधा ओर कैसे बेहतर दी जाए इस पर विचार किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.