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मंगलौर हत्याकांड के आरोपितों के नाम सार्वजनिक

आरोपितों में दो सगे भाई, गैंग के बाकी चार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी भाई बह

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 07:02 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 07:02 PM (IST)
मंगलौर हत्याकांड के आरोपितों के नाम सार्वजनिक
मंगलौर हत्याकांड के आरोपितों के नाम सार्वजनिक

आरोपितों में दो सगे भाई, गैंग के बाकी चार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दबिश जारी

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भाई बहन मंदिर में पुजारियों पर हमला करने के बादर लूटा गया सामान भी बरामद जागरण संवाददाता, करनाल

पुलिस ने मंदिर हत्याकांड के आरोपितों के नाम गिरफ्तारी के पांचवें दिन सार्वजनिक किए। इनके नाम शाहरुख पुत्र फरमान, आजाद पुत्र इरशाद, अरुण उर्फ रई पुत्र कामील, आजाद पुत्र कामील व सलमान पुत्र कावीद हसन बताए। पांचों सहारनपुर के हलवाना गांव के रहने वाले हैं। इनमें अरुण उर्फ रई व आजाद सगे भाई हैं। पुलिस का दावा है कि ये सभी छहमार गैंग के सदस्य हैं। शनिवार को जगह का नाम भी बताया। पुलिस के अनुसार पांचों आरोपितों को 11 सितंबर को उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित टापू यमुना बांध के पास से पकड़ा था। 12 सितंबर को पुलिस ने कोर्ट से पांच दिन की रिमांड हासिल की। आरोपितों से पूछताछ के बाद हत्याकांड में इस्तेमाल पांच डंडे, मृतक व घायल व्यक्तियों से लूटे दो पर्स, एक ड्राइ¨वग लाइसेंस, पैन कार्ड बरामद कर लिया। रविवार को रिमांड का आखिरी दिन है। इसलिए पुलिस अधिक से अधिक राज उगलवाने का प्रयास करेगी। 18-19 अगस्त की रात को मंगलौरा पुलिस चौकी के पास स्थित मंदिर में कुल नौ लोगों ने हमला किया था। पुलिस के अनुसार छह मार गैंग के बाकी चार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। बड़ौली के पास खड़ा किया था वाहन

पुलिस के अनुसार गैंग के सदस्यों का कोई स्थाई पता नहीं है। यह सब खानाबदोश जाति से संबंध रखते हैं। गिरोह के साथियों के साथ किसी भी वारदात को अंजाम देकर अपना स्थान बदल लेते हैं। पूछताछ में आरोपितों ने कबूल किया है कि गिरोह के सदस्यों ने इससे पहले उत्तर प्रदेष व पंजाब में भी चोरी व लूट की वारदातों को अंजाम दिया है। भाई-बहन मंदिर की पहले रेकी की थी। लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए रात को चार अन्य साथियों के साथ वाहन में सवार होकर आए थे। अपने वाहन को उत्तर प्रदेश के बडौली के पास खड़ा किया। इसके बाद यहां से पैदल यमुना के रास्ते मंदिर में पहुंचे। पेड़ों से डंडे तोड़कर मंदिर में घुसे और पुजारियों के जागने पर उन पर हमला बोल दिया। लूट की वारदात को अंजाम देकर पैदल ही यहां से फरार हो गए थे। हत्याकांड के 23 दिन बाद पकड़े थे आरोपित

उत्तर प्रदेश सीमा समीप करनाल के मंगलौरा गांव के भाई-बहन मंदिर में हत्यारों ने सेवादार व यहां ठहरे पुजारियों व मजदूर पर हमला कर दिया था। 18-19 अगस्त की रात को हत्यारों ने पांच लोगों को निशाना बनाया। श्रमिक सुलतान ¨सह व बधनारा निवासी विनोद की मौके पर ही मौत हो गई थी। बंबरेहड़ी के र¨वद्र ने उसी दिन शाम को पीजीआइ चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया था। 11वें दिन मंदिर के सेवादार हर¨जद्र ¨सह की भी चंडीगढ़ पीजीआइ में मौत हो गई थी। पांचवा घायल अजय को निजी अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। एसआइटी के इंचार्ज डीएसपी वीरेंद्र सैनी के नेतृत्व में एंटी स्नै¨चग टीम के इंचार्ज एएसआइ प्रवीण ने 11 सितंबर को गिरफ्तार किया था। ब्राह्मण सभा को पुलिस पर शक

मंगलवार को पांच आरोपितों की गिरफ्तारी के तुरंत बाद जिला करनाल ब्राह्मण सभा ने बैठक की थी। जिला प्रधान सुरेंद्र शर्मा बड़ौता की अध्यक्षता में 12 सितंबर का प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला लिया गया था। समाज के लोगों ने शक जताया था कि जिन युवकों की गिरफ्तारी दिखाई गई है उनका इस केस से ताल्लुक है भी या नहीं। आरोपितों के नाम और पकड़ने का स्थान सार्वजनिक नहीं करने पर सवाल उठाए गए थे। सभा ने सरकार को 25 सितंबर तक पीड़ित परिवारों को मुआवजा और परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग रखी थी। शर्त पूरी नहीं होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दे रखी है।


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