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सार्वभौमिकता के मसीहा थे स्वामी विवेकानंद : अरोड़ा

जागरण संवाददाता, करनाल स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति द्वारा श्रद्धांजलि

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Jul 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jul 2017 03:01 AM (IST)
सार्वभौमिकता के मसीहा थे स्वामी विवेकानंद : अरोड़ा
सार्वभौमिकता के मसीहा थे स्वामी विवेकानंद : अरोड़ा

जागरण संवाददाता, करनाल

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स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रेलवे रोड पर किया गया। इस अवसर पर दिल्ली की युवा समाजसेविका वाणी शुक्ला ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष नरेंद्र अरोड़ा ने की। सभी वक्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर नरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद देश के युगपुरुष थे। स्वामी विवेकानन्द एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखेरने वाले साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकांड विद्वान थे। विवेकानंद जी का मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जो कि आगे चलकर स्वामी विवेकानंद के नाम से विख्यात हुए। स्वामी विवेकानंद युगांतरकारी आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने ¨हदू धर्म को गतिशील तथा व्यवहारिक बनाया और सुदृढ़ सहायता के निर्माण के लिए आधुनिक मानव से पश्चिमी विज्ञान व भौतिकवाद को भारत की आध्यात्मिक संस्कृति से जोड़ने का आग्रह किया। कलकत्ता के एक कुलीन परिवार में जन्मे नरेंद्रनाथ ¨चतन, भक्ति व तार्किकता, भौतिक एवं बौद्धिक श्रेष्ठता के साथ-साथ संगीत की प्रतिभा का एक विलक्षण संयोग थे। कन्याकुमारी में निर्मित उनका स्मारक आज भी उनकी महानता की कहानी कह रहा है। इस अवसर पर मुख्य रूप से अश्वनी खन्ना, सरंक्षक सरबजीत ¨सह व मास्टर जय भारत उपस्थित रहे।


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