अवैध कॉलोनी का हाल : मार्च में जिस मकानों को ढहाया था, अब उनमें रह रहे परिवार
मंगलपुर पार्ट टू में नियमों को ठेंगा दिखाकर फिर से सरेआम मकान बनाए जा रहे हैं। यह हाल तब है जब इस अवैध कॉलोनी में प्रशासन दो बार कार्रवाई कर चुका है।
जागरण संवाददाता, करनाल : मंगलपुर पार्ट टू में नियमों को ठेंगा दिखाकर फिर से सरेआम मकान बनाए जा रहे हैं। यह हाल तब है जब इस अवैध कॉलोनी में प्रशासन दो बार कार्रवाई कर चुका है। शुक्रवार को जागरण की टीम ने इस कॉलोनी का दौरा किया तो निर्माण कार्य बड़ी तेजी से चल रहा था। जिन इंटरलॉ¨कग सड़कों को उखाड़ दिया गया था उन्हें फिर से जोड़ दिया गया। मार्च में जो निर्माणाधीन मकान ढहा दिए गए थे, अब उनमें परिवार बस चुके हैं।
कुछ मकान पर तो एक-या दो दिन में छत डल जाएगी। ऐसा क्या है कि प्रशासन की कार्रवाई का खौफ भी स्थानीय लोगों को नहीं सताता। जागरण ने पड़ताल की तो सामने आया कि अधिकारियों की छूट की वजह से ही करीब 25 एकड़ में काटी गई यह अवैध कॉलोनी फिर से आबाद हो गई। इसके पीछे लैंड माफिया का हाथ भी माना जा रहा है। बड़ी ही सूझबूझ से लोगों को इतना समय दे दिया गया कि वह आसानी से अपने मकान बना सकें। क्योंकि जिस मकान पर छत है प्रशासन उसमें तोड़फोड़ नहीं करता।
शक इसलिए : पहली कार्रवाई के बाद साढ़े तीन महीने तक नहीं देखा
मंगलपुर पार्ट टू में 25 एकड़ में अवैध कॉलोनी काट दी गई। लैंड माफिया पूरे प्लॉट बेचकर मुनाफा कमा चलता बना। करीब 25 प्रतिशत प्लॉटों में कोठियां तक बन गई लेकिन न जिला योजनाकार की नजर इस तरफ गई और न ही नगर निगम ने कोई संज्ञान लिया। दैनिक जागरण ने मुद्दा उठाया तो पहली बार 11 मार्च को कार्रवाई की। पता था कि अब कॉलोनाइजर फारिग हो गए और लोग फंस चुके हैं। इसके बाद करीब साढ़े तीन महीने तक इस तरफ देखा नहीं, ताकि लोग आसानी से अपने मकान बना सकें। कागजी तौर पर मजबूती के लिए 24 जून को फिर से कुछ सड़कें और निर्माणाधीन मकान ढहा दिए। इसके तुरंत बाद फिर से लोगों ने अपना काम शुरू कर दिया।
मकानों पर कार्रवाई में देरी क्यों
इस कॉलोनी में 30 से अधिक मकान बन चुके हैं। चूंकि इनमें परिवार रह रहे हैं इसलिए तोड़फोड़ नहीं होती। हालांकि अवैध कॉलोनी में होने के कारण इन्हें सील किया जा सकता है लेकिन इसकी फाइल काफी दिनों से निगम कमिश्नर के पास पड़ी है। बीते सप्ताह इस पर सुनवाई की गई थी। जब तक कमिश्नर निर्णय नहीं सुनाएंगे संबंधित अधिकारी कुछ नहीं कर सकते। इन्हें सील कर दिया होता तो यह नौबत नहीं आती।
वर्जन
अवैध कॉलोनी में बने मकान को तोड़ नहीं सकते हैं। इन्हें सील किया जा सकता है। इसके लिए पीपी एक्ट में केस डालना होगा। लोगों की आपत्तियां सुनी थी। अब जांच कर रहे हैं।
राजीव मेहता, कमिश्नर, नगर निगम करनाल
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वर्जन
अवैध कॉलोनी में यदि फिर से निर्माण कार्य हो रहा है तो एक कार्रवाई और कर देंगे। अभी कर्मचारी भेजकर चेक करा लेते हैं। जो मकान बन चुके हैं, उनकी सी¨लग की फाइल कमिश्नर के पास है। वह जो फैसला सुनाएंगे उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।
धर्मपाल ¨सह, डीटीपी, नगर निगम करनाल
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वर्जन
कॉलोनी में बन रहे मकानों को रोकने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। हमारी तो सड़कें हैं। इन्हें बनाया तो फिर से तोड़ देंगे। लोगों को भी प्लॉट खरीदने से पहले देखना चाहिए था कि यह अवैध कॉलोनी है।
अमरीक ¨सह, जिला योजनाकार, करनाल