गेस्ट टीचर ने एसडीएम को कहा मांग नहीं मानने तक नहीं हटेंगे पीछे
अतिथि अध्यापकों ने शनिवार को मार्च निकाल कर शहीद राजरानी को श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी चौक पर कैंडल प्रज्जवलित की गई।
जागरण संवाददाता, करनाल : अतिथि अध्यापकों ने शनिवार को मार्च निकाल कर शहीद राजरानी को श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी चौक पर कैंडल प्रज्जवलित की गई। अध्यापक जब मार्च निकाल कर वापस धरना स्थल पर पहुंचे तो कुछ देर बाद एसडीएम नरेंद्र मलिक और पुलिस फोर्स धरना स्थल पर आ गई। आमरण अनशन पर बैठे अध्यापक राजकुमार को अस्पताल ले जाया गया। इधर एसडीएम ने अतिथि अध्यापकों को लिखित में दिया कि उनकी मुलाकात नौ सितंबर को चंडीगढ़ में सीएम के प्रधान राजेश खुल्लर से करवाई जाएगी। करनाल से नायब तहसीलदार अतिथि अध्यापकों के साथ चंडीगढ़ जाएंगे। अतिथि अध्यापकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को लागू नहीं किया जाता वह धरना स्थल से नहीं हटेंगे। आठ सितंबर को रोहतक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में अतिथि अध्यापकों की एक टीम विरोध जताने पहुंचेगी। रविवार को ही करनाल में ही बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले अतिथि अध्यापक संघर्ष समिति की प्रदेश अध्यक्ष मैना यादव ने अपनी पूरी कार्यकारिणी के साथ शहीद बहन राजरानी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके संघर्ष को नमन करते हुए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। मैना ने कहा कि राजरानी ने अतिथि अध्यापकों की लड़ाई लड़ते हुए कांग्रेसी की हुड्डा सरकार से लड़ते हुए सात सितम्बर 2008 को रोहतक में बलिदान दे दिया था। महासचिव पारस शर्मा ने आगे साथियों को संबोधित करते हुए बताया कि एक्ट पास होने के बाद गेस्ट टीचर को किसी प्रकार की कोई भी नियमित अध्यापकों के समान सुविधा नहीं मिली है। इस अवसर पर सुभाष खटाना, पूनम कुमारी, नवनीत बाजवा, निष्ठा चौधरी, प्रदीप बतन, हरदीप गिल, राजेश मलिक, चन्द्र हास, इंदु मलिक, सीमा ठाकुर, बलवान सिंह व प्रेस प्रवक्ता राधा कृष्ण मौजूद रहे।