सरकारी महकमों में नहीं थम रहा रिश्वत का खेल
प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस पॉलिसी अपनाए हुए है लेकिन सरकारी कार्यालयों में अभी भी रिश्वतखोरी जड़ें जमाए हुए है। इसके चलते पुलिस महकमे से लेकर तमाम विभागों से भी भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां तक कि सीएम के समक्ष तहसील परिसर में भ्रष्टाचार के खुले आरोप लगाए गए थे जिस पर सीएम मनोहर लाल ने भी सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेताया था।
जागण संवाददाता, करनाल : प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस पॉलिसी अपनाए हुए है, लेकिन सरकारी कार्यालयों में अभी भी रिश्वतखोरी जड़ें जमाए हुए है। इसके चलते पुलिस महकमे से लेकर तमाम विभागों से भी भ्रष्टाचार के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां तक कि सीएम के समक्ष तहसील परिसर में भ्रष्टाचार के खुले आरोप लगाए गए थे, जिस पर सीएम मनोहर लाल ने भी सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेताया था। यहीं नहीं, विजिलेंस विभाग भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए लोगों पर लगातार कार्रवाई करता रहा है, लेकिन रिश्वत का खेल खुलेआम खेल रहे कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों को इसका तनिक खौफ नहीं है। यहां पेश आए चर्चित घटनाक्रम के तहत सीएम ने जहां लापरवाही व अन्य आरोपों के चलते तहसीलदार और नायब तहसीलदार सहित पांच कर्मचारियों को मौके पर ही सस्पेंड कर दिया था तो वहीं अब विजिलेंस द्वारा की गई कार्रवाई का ताजातरीन मामला श्रम विभाग से जुड़ा है। केस नंबर एक
एडब्ल्यूओ चढ़ा विजिलेंस टीम के हत्थे
बुधवार को ही विजिलेंस टीम ने श्रम विभाग में रि-ज्वाइनिग के तहत कार्यरत सहायक कल्याण अधिकारी सुरेंद्र कुमार को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू कर लिया। गांव चुरनी वासी कविता ने शिकायत में आरोप लगाए थे कि उक्त अधिकारी द्वारा उनकी कन्यादान योजना के तहत लाभ के लिए फाइल पास करने के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है जबकि इस योजना के तहत एक लाख रुपये का ही लाभ मिलता है। बाद में सौदा 40 हजार रुपये में तय हुआ तो विजिलेंस टीम ने उसे काबू कर लिया। केस नंबर दो
आइजी के आदेश पर दबोचा गया था एएसआइ
नया साल शुरू होते ही दो जनवरी को गांव स्टौंडी वासी नरेंद्र कुमार ने आइजी भारती अरोड़ा को शिकायत की कि उसके साथ 26 नंवबर 2018 को उसके साथ पांच-छह लोगों ने मारपीट की थी। पुलिस ने आरोपितों पर मामला भी दर्ज कर लिया था। लेकिन गिरफ्तारी नहीं कर रही। इसके एवज में दस हजार रुपये मांगे जा रहे है। पीड़ित ने ऑडियो सुनाई भी शिकायत के साथ ही सुनाई तो आइजी ने तत्काल ही आरोपित एएसआइ सुरेश के खिलाफ मामला दर्ज करने व गिरफ्तार करने के भी आदेश दिए। देर रात ही यह कार्रवाई कर दी गई। केस नंबर तीन
एसआइ पर हुई थी कार्रवाई
27 नवंबर 2019 को निसिग थाने में तैनात एक सब इंस्पेक्टर को विजिलेंस टीम ने छह हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथों काबू किया था। गांव गोंदर वासी संदीप ने विजिलेंस विभाग को शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि 21 अक्तूबर को उसका कैंटर चोरी कर लिया गया था। तलाश के बावजूद कैंटर कहीं नहीं मिला तो उसने निसिग थाने में मामला दर्ज कर करा उसकी तलाश किए जाने की गुहार लगाई। मामले की जांच सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार को सौंपी गई। उसने कैंटर की तलाश करने के एवज में उक्त रिश्वत की मांग की थी। मॉल रोड पर जब वह यह राशि लेने पहुंचा तो विजिलेंस टीम ने उसे काबू कर लिया था। केस नंबर चार
एसएचओ को विजिलेंस टीम ने किया था काबू
वर्ष 2019 में ही निसिग के तत्कालीन एसएचओ सुभाष नाहर को विजिलेंस टीम ने पांच हजार की रिश्वत लेते हुए काबू किया था। गांव बांसा वासी बलवान ने शिकायत में आरोप लगाए थे कि उनका दूसरे पक्ष के साथ झगड़ा हो गया था और दोनों पक्षों में राजीनामा भी हो गया था। एसएचओ राजीनामा लेने को ही तैयार नहीं थे और उससे 15 हजार रुपये की मांग की थी। दस हजार दे दिए थे । इसके बाद पांच हजार लेते हुए उसे काबू कर लिया गया था। केस नंबर पांच
विजिलेंस ने रिश्वत लेते पकड़े थे दो पटवारी
जुलाई 2017 में विजिलेंस टीम ने कश्यप धर्मशाला से रंगे हाथ पांच हजार की रिश्वत लेते पटवारी रोहतास को किया गिरफ्तार किया था। अलीपुर गांव के शिकायत कर्ता किसान हरदेव सिंह के आरोपों के अनुसार उससे जमीन का इंतकाल चढ़वाने की एवज में पटवारी रिश्वत मांग रहा था। इस मामले से पहले भी विजिलेंस ने हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी में डीसी रेट पर काम कर रहे पटवारी को कार्यालय में 10 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था। आरोप था कि पटवारी अथॉरिटी की जद में प्लाट आने का भय दिखाकर एक घर का निर्माण रुकवा रहा था। फिर मामले को निपटाने के लिए 50 हजार घूस का ऑफर तक रख दिया। भ्रष्टाचार रोकने में जनसहयोग जरूरी : श्यामलाल
विजिलेंस एसपी श्यामलाल का कहना है कि भ्रष्टाचार रोकने के लिए लोगों को भी आगे आना होगा। विभाग शिकायत मिलते ही गंभीरता से कार्रवाई करता है और लगातार ऐसे मामले आमजन के सहयोग से ही पकड़ में आ रहे हैं। जब लोग आगे आएंगे तो रिश्वत पर अवश्य अंकुश लग पाएगा। विभाग तमाम अधिकारियों व कर्मचारियों पर निगाहें बनाए हुए है।