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फंड के दुरुपयोग में बल्ला के पूर्व सरपंच और दो पंचों को दो साल की सजा

बल्ला के सब-डिविजनल कोर्ट ने पंचायती फंड के दुरुपयोग एवं गबन करने के मामले में बल्ला के पूर्व सरपंच एवं दो पंचों को दो साल की सजाई है। दोषियों को 500-500 रुपये का जुर्माना भी भरने के आदेश जारी किए गए हैं। फैसले के खिलाफ अगली कोर्ट में अपील करने के लिए एक माह का समय दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 08:57 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 08:57 AM (IST)
फंड के दुरुपयोग में बल्ला के पूर्व सरपंच और दो पंचों को दो साल की सजा
फंड के दुरुपयोग में बल्ला के पूर्व सरपंच और दो पंचों को दो साल की सजा

संवाद सहयोगी, बल्ला : सब-डिविजनल कोर्ट ने पंचायती फंड के दुरुपयोग एवं गबन करने के मामले में बल्ला के पूर्व सरपंच एवं दो पंचों को दो साल की सजाई है। दोषियों को 500-500 रुपये का जुर्माना भी भरने के आदेश जारी किए गए हैं। फैसले के खिलाफ अगली कोर्ट में अपील करने के लिए एक माह का समय दिया गया है।

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गांव बल्ला के ग्रामीण सोमबीर ने तत्कालीन सरपंच राजबीर ¨सह एवं दो पंचों पर फंड के दुरुपयोग एवं गबन के आरोप को लेकर असंध सब-डिविजनल कोर्ट में केस दायर किया गया था। सरपंच राजबीर ¨सह पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में हजारों रुपये के फर्जी यात्रा-भत्ता बिल क्लेम किए हैं एवं रसीदों में भी कांट-छांट की गई है। इसके अलावा गांव में लगाई गई सोलर लाइट जिसकी कीमत 48000 रुपये की दर से खरीदी गई जबकि शिकायतकर्ता ने उसी तरह की लाइट 2947 रुपये में लाइट खरीद दी।

जांच में पाया गया कि इन लाइटों की खरीद करने से पूर्व हरियाणा पंचायती इलेक्टानिक विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई। इसके अलावा गांव में खिलाड़ियों के लिए खेल किट पर हजारों रुपये का भुगतान किया गया जबकि खिलाड़ियों को खेल का सामान नहीं देने का आरोप लगाया गया था।

इसके अलावा गांव के कुछ मृतकों की पेंशन डकारने का भी आरोप लगाया गया था। सरपंच के अलावा गांव के दो तत्कालीन पंचों पर भी होर्डिगों एवं बैनर पर खर्च करने के अलावा फर्जी अंगूठों की पहचान का आरोपी बनाया गया था। सब-डिविजनल कोर्ट में जज रेखा ने तीनों आरोपियों प्रत्येक को दो साल की सजा सुनाई है। इसके अतिरिक्त दोषियों पर 500 रुपये प्रत्येक पर जुर्माना लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोपियों के खिलाफ अधिकांश जानकारी सूचना के अधिकार नियम के तहत एकत्रित की थी। आरोपियों को फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए तीस दिन का समय दिया गया है।


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