सामाजिक संगठनों का प्रयास ला रहा रंग, वर्ष-2014 में हुआ था रिकार्ड 81 फीसद मतदान
यशपाल वर्मा करनाल हलके के लोग राजनीति के प्रति सचेत हैं और इसी का परिणाम है कि यहां प्रत्येक विधानसभा चुनाव में मत-प्रतिशत बढ़ा है।
यशपाल वर्मा, करनाल
हलके के लोग राजनीति के प्रति सचेत हैं और इसी का परिणाम है कि यहां प्रत्येक विधानसभा चुनाव में मत-प्रतिशत बढ़ा है। प्रयास प्रशासनिक स्तर पर हों या सामाजिक संगठनों के। 2 लाख 16 हजार मतदाता वोट के अधिकार को अच्छे से जानते हैं। इसी का परिणाम है जोकि वर्ष 2000 के चुनाव में 71 फीसद मतदान हुआ था, जबकि वर्ष-2005 में 76 फीसद, वर्ष-2009 में 75 फीसद और वर्ष-2014 के चुनाव में 81 प्रतिशत मतदान किया गया था। पर्ची पर मुहर लगाने के बजाय अब बटन दबाने का चलन शुरू हो गया है और विधानसभा के लोग अपने प्रत्याशी को चुनने के लिए गंभीर हैं। वर्ष-1968 में 58 फीसद हुआ मतदान
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घरौंडा क्षेत्र में वर्ष-1968 में 58 फीसद और वर्ष-1977 में 64 फीसद मतदान हो चुका है, लेकिन सामाजिक संगठनों के प्रयास व लोगों के जागरूक होने से जोकि वर्ष-2014 में 81 फीसद तक पहुंच चुका है। इस बार मतदाता का ग्राफ बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, हरियाणा योग परिषद चेयरमैन डा. जयदीप आर्य ने बताया कि पंतजलि योगपीठ के कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में मतदाता जागरण अभियान की शुरुआत की जा रही है। जिले के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है। केंद्रीय चुनाव आयोग और हरियाणा निर्वाचन विभाग की मुहिमों के साथ-साथ सामाजिक संगठन भी मतदाताओं को जागरूक रही हैं। विधानसभा चुनाव में इन गांवों की अहम भूमिका
भाजपा प्रत्याशी हरविद्र कल्याण, इनेलो मनिद्र राणा, बसपा मेहर सिंह संधू, जजपा उमेश कश्यप व कांग्रेस प्रत्याशी उमेश कश्यप की नजरें राजनीति में कद रखने वाले गांवों पर हैं। इन गांवों में कुटेल, गगसीना, कोहंड का विशेष महत्व है। युवक प्रदीप कुमार, प्रवीण कुमार, गौरव, साहिल, राहुल ने बताया कि विपक्ष कमजोर होने का सीधा फायदा भाजपा को मिल रहा है और चौरा में मुख्यमंत्री की रैली के बाद से प्रचार में तेजी आई है। शहर घरौंडा के वोटर शांत हैं और क्षेत्र के विकास को पसंद करने वाले हैं। दूसरी तरफ, जनसंख्या के आधार पर बड़े गांवों के वोटरों में हवा का रुख अपनी ओर करने के लिए समर्थकों व रिश्तेदारों के माध्यम से संपर्क करने में लगे हुए हैं।