डस्टबिन वितरण में धांधली की उच्च स्तरीय जांच का पत्र आखिर निगम ने स्वीकारा
डस्टबिन वितरण मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का पत्र आखिरकार नगर निगम ने स्वीकार कर लिया। वार्ड नंबर 15 के पार्षद युद्धवीर सैनी यह पत्र देने के लिए पहले भी नगर निगम में गए थे।
जागरण संवाददाता, करनाल : डस्टबिन वितरण मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का पत्र आखिरकार नगर निगम ने स्वीकार कर लिया। वार्ड नंबर 15 के पार्षद युद्धवीर सैनी यह पत्र देने के लिए पहले भी नगर निगम में गए थे, लेकिन 13 अगस्त को दो घंटे तक इंतजार करने के बाद भी निगम आयुक्त राजीव मेहता व उप निगम आयुक्त धीरज कुमार अपने कार्यालय में नहीं आए थे। जिसके चलते उन्हें निराश होकर लौटना पड़ था। इस बात को दैनिक जागरण ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया तो इसके बाद अब उनका पत्र निगम उप आयुक्त धीरज कुमार ने ले लिया। धीरज कुमार ने आश्वासन दिलाया कि मामले की जांच कराई जाएगी और सच्चाई सबके सामने लेकर आएंगे।
एक सप्ताह तक करेंगे इंतजार : युद्धवीर
पार्षद युद्धवीर सैनी ने कहा कि इस मामले की जांच को लेकर वह एक सप्ताह इंतजार करेंगे। इस अवधि में देखेंगे कि निगम कितनी गंभीरता से इस मामले की जांच कराता है। यदि इस मामले की जांच में ढिलाई बरती जाती है या फिर जांच सही तरीके से नहीं होती है तो फिर वह आगामी रणनीति बनाएंगे। यदि जांच सही तरीके से होती है तो लोगों का विश्वास निगम के प्रति बढ़ेगा। जांच के नाम पर लीपापोती की जाती है तो यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि निगम इस मामले को दबाना चाह रहा है।
एक सप्ताह बीत गया, लेकिन अभी तक हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं अधिकारी
पार्षद युद्धवीर सैनी ने कहा कि नौ अगस्त को कलंदरी गेट के एक गोदाम से करीब 500 डस्टबिन पकड़वाए गए थे। यह नगर निगम की संपत्ति है और इन्हें करीब डेढ़ साल पहले बंटवाया जाना था। ना तो यह डस्टबिन बंटवाए गए और ना ही नगर निगम को वापस किए गए। इन्हें निजी गोदाम में रखवाया गया था। इससे धांधली की आशंका गहरा जाती है। लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी इस मामले में नगर निगम की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई गई है।