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पेड़ों पर चल रही कुल्हाड़ी, पुराना राग अलाप रहे जिम्मेदार

पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रदेश वन विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। विकास की दौड़ में आंख मूंद कर हरियाली को काटा जा रहा है जबकि बदले में केवल कागजों में पौधारोपण किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 09:16 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 09:16 AM (IST)
पेड़ों पर चल रही कुल्हाड़ी, पुराना राग अलाप रहे जिम्मेदार
पेड़ों पर चल रही कुल्हाड़ी, पुराना राग अलाप रहे जिम्मेदार

रोहित लामसर, तरावड़ी

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पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रदेश वन विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। विकास की दौड़ में आंख मूंद कर हरियाली को काटा जा रहा है, जबकि बदले में केवल कागजों में पौधारोपण किया जा रहा है। दिसंबर 2019 में इंडिया स्टेट ऑफ फारेस्ट 2019 की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश के कई राज्यों में पिछले दो वर्षों में वन क्षेत्र में 5188 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन हरियाणा प्रदेश उन सब राज्यों में पिछड़ रहा है। सर्वे रिपोर्ट ने प्रदेश के वन विभाग हरियाणा की गलतबयानी की पोल खोल दी है। ज्यादातर पेड़ नर्सरियों में पड़े सूख रहे हैं या फिर हाईवे किनारे लोग रात के अंधेरे में गायब कर रहे हैं। विभाग की इसी लापरवाही के कारण सड़क किनारे खड़े पेड़ों की गिनती कम होती जा रही है। ऐसे हालात में हरियाली की सुरक्षा सवालों के घेरे में है।

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विकास के भाषण देने वाले कमजोर

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स्वच्छ पर्यावरण सेवा समिति के अध्यक्ष रणजीत भारद्वाज ने बताया कि अंजनथली रोड, नडाना रोड, लल्याणी रोड समेत अन्य जगहों पर लगातार पेड़-पौधों को चोरी से काटा जा रहा है। गांव शेखनपुर व जटपुरा की महिलाएं दिन रात पेड़-पौधों को काटने में लगी हुई हैं। यह कटाई का काम पिछले कई महीनों से चल रहा है लेकिन वन विभाग इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। पूर्व विधायक की तरह मौजूदा विधायक भी रबर स्टैंप जैसा काम कर रहे हैं और क्षेत्र की जनता को विकास करवाने का आश्वासन देकर गुमराह करने में लगे हैं।

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प्रत्येक वर्ष खर्च करते हैं हजारों रुपए

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भारत विकास परिषद शाखा के सचिव राकेश हंस ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। विकास के नाम पर नेताओं की ओर से पेड़ संरक्षण पर चिता नहीं की जा रही है। वहीं क्षेत्र में महिलाएं पेड़ों की लगातार कटाई कर रही हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए हजारों रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन सही मॉनिटरिग न होने के कारण धरातल पर रिपोर्ट शून्य रह जाती है।

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नेताओं व आमजन को आगे आने की जरूरत

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श्री सनातन धर्म सभा अध्यक्ष सतीश गुलाटी ने कहा कि विकास के नाम पर अंधाधुंध हो रही कटाई पर नेता गंभीर नहीं हैं। खुद की पीठ थपथपाने की जगह जागरूक करने पर नेताओं को आगे आने की जरूरत है व आमजन को भी गंभीर होना होगा। हलके के पूर्व विधायक पांच साल तक लोगों को गुमराह करते रहे, लेकिन धरातल पर पर्यावरण संरक्षण पर कोई कदम नहीं उठाया गया। दो माह के कार्यकाल को देखें तो मौजूदा विधायक भी उन्ही की राह पर चलकर क्षेत्र की जनता को गुमराह कर रहे हैं। पेड़ो की कटाई पर विभाग और नेता गंभीर नहीं हैं।

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वन विभाग करे सख्त कार्रवाई

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अपना विचार मंच के संयोजक अजय जांगड़ा ने कहा कि वन विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन को बिना अनुमति पेड़ों की कटाई करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए योजना बनानी होगी। क्षेत्र में वर्षों से पेड़ों में आग लगाकर गिरा दिया जाता है और बाद में धीरे-धीरे महिलाएं पेड़ की लकड़ियां उठाकर घर ले जाती हैं। राजनेताओं की कार्यप्रणाली को देखते हुए क्षेत्र अधिकारी भी सुस्त हो चुके हैं। पुलिस अपनी मस्ती में है और नगर पालिका के अफसर क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर नहीं हैं।

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विधायक के संज्ञान में नहीं मामला

वन विकास निगम चेयरमैन व विधायक धर्मपाल गोंदर ने बताया कि हलके में पेड़ों की कटाई संबंधित जानकारी उनके पास नहीं है। प्रदेश में कहीं भी पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है तो सख्ती बरती जाएगी। तरावड़ी क्षेत्र में बिना अनुमति पेड़ काटा जा रहा है तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

फोटो-23- रेंज अधिकारी को सौंपी जिम्मेवारी

वन विभाग अधिकारी विजेंद्र सिंह ने बताया कि पेड़ों की सुरक्षा को लेकर रेंज अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुछ समय पहले भी खड़े पेड़ों को आग लगाने की बात सामने आई थी। रेंज अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए हैं।


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