सात वचनों से विवाह बंधन में बंधे 10 जोड़े
रविवार को मानव सेवा संघ में सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 10 जोड़ों का रीति-रिवाज अनुसार विवाह संपन्न कराया गया। नव दंपतियों ने भी एक-दूसरे का मान-सम्मान रखने की शपथ ली।
जागरण संवाददाता करनाल : रविवार को मानव सेवा संघ में सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें 10 जोड़ों का रीति-रिवाज अनुसार विवाह संपन्न कराया गया। नव दंपतियों ने भी एक-दूसरे का मान-सम्मान रखने की शपथ ली। मानव सेवा संघ के मुखिया स्वामी प्रेममूर्ति ने मुख्य अतिथि लाजपत राय चौधरी, लिबर्टी ग्रुप से रितु बंसल व अन्य मौजिज लोगों के साथ नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। संघ द्वारा अब तक 619 जोड़ों की शादी संपन्न करवाई गई हैं।
सुबह 9 बजे आई पहली बारात, 10वीं पहुंची 12 बजे
मानव सेवा संघ में सामूहिक विवाह समारोह में पहली बारात सुबह नौ बजे पहुंची, वहीं 10वीं बारात 12 बजे के करीब पहुंची। आवभगत में लगे संस्था के पदाधिकारियों ने देशी घी की बूंदी व पकौड़ों के साथ बारातियों को नाश्ता कराया। बारात आती गई और संस्था के पदाधिकारी उन्हें नाश्ता करवाते रहे। साढ़े बारह बजे तक यहीं सिलसिला चलता रहा।
एक-दूजे के मान-सम्मान की भरी हामी
शामगढ़ की प्रीति संग तरावड़ी के विजय, बहलोलपुर गांव की सीमा के साथ जटपुरा के विक्की, सदर बाजार की रहने वाली गायत्री संग दिल्ली के भगवान दास, बड़ा गांव की ममता के साथ सिसला गांव के रामभज, करनाल की राधा के साथ करनाल के दीपक, मलिकपुर गांव की लक्ष्मी के साथ करनाल के सुनील, डबरीकलां गांव की बबली के साथ कैथल के अनिल, रामनगर की वीरो के साथ नलीपार के सुखदेव, नलीपार की ममता संग कुंजपुरा के संजय और करनाल की रहने वाली प्रीति कुमारी के साथ तरावड़ी के राजा कुमार ने मंत्रोचारण के बीच एक-दूसरे का हाथ थामा। उन्होंने हर काम में एक-दूसरे की सलाह और मान सम्मान की हामी भी भरी।
जीवन यापन के लिए संस्था ने भेंट किया सामान
संस्था की ओर से नव दंपतियों को उपहार स्वरूप सामान भी भेंट किया गया। इसमें एक बेड, एक पंखा, दो कुर्सी, एक मेज, बेड के गद्दे, चादर दी गई। इसके अलावा दुल्हन के लिए 7 साड़ी, 21 बर्तन और दूल्हे को शेरवानी भेंट की गई।
बारातियों ने कहा, गजब की मेहमानवाजी
तरावड़ी से बारात में आए मेहर सिंह व जितेंद्र ने कहा कि उन्हें ये लग ही नहीं रहा कि ये शादी एक संस्था द्वारा करवाई जा रही है। यहां का प्रबंध लाजवाब है। खाने की तो बात ही क्या हमने जहां ब्रेकफास्ट में पकौड़े संग देशी घी की बूंदी का स्वाद लिया। वहीं खाने में कढ़ी चावल, कद्दू की सब्जी के साथ पूरी, हलवा, रायता और दाल मक्खनी के साथ रोटी खाने का आनंद, बस क्या कहें, मजा आ गया।
हर दो माह बाद सामूहिक विवाह
संस्था की ओर से हर दो माह में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने वाले लड़की व लड़का पक्ष के आइडी प्रूफ लिए जाते हैं, वहीं गांव के मुखिया से भी परिवार की पड़ताल की जाती है। अगला सामूहिक विवाह 16 जून को तय किया गया है।
इन्होंने दिया सहयोग
विवाह समारोह में लाला मिट्ठन लाल, महेंद्र कुमार सूरी, स्वतंत्र दीवान, अनिल जैन, हरीश जैन, सतीश गोयल , राम लाल अग्रवाल, प्रोफेसर बीके कौशिक, रामेश जिदल, सुभाष गुप्ता, नरेंद्र सुखन, निशिकांत मित्तल, एमआर गुप्ता, डॉ. ओपी नारंग, देसराज गुप्ता, रामलाल अरोड़ा, केवल कृष्ण आदि ने सहयोग दिया।