थाने को न्याय का मंदिर समझें ग्रामीण: आइजी
ग्रामीण पुलिस थाने को न्याय का मंदिर समझें। पुलिस यह कदापि नहीं चाहती कि अधिक संख्या में लोगों की पुलिस स्टेशन बनाने की नौबत आये लेकिन जरूरत के अनुसार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस थाने अवश्य होने चाहिएं।
संवाद सूत्र, बल्ला : ग्रामीण पुलिस थाने को न्याय का मंदिर समझें। पुलिस यह कदापि नहीं चाहती कि अधिक संख्या में लोगों की पुलिस स्टेशन बनाने की नौबत आये, लेकिन जरूरत के अनुसार कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस थाने अवश्य होने चाहिएं। ये शब्द आइजी भारती अरोड़ा ने कहे। वे शुक्रवार को गांव मूनक में नवगठित पुलिस थाने का उद्घाटन करने पहुंची थीं। उन्होंने कहा कि जिले में घरौंडा थाने के अंतर्गत आती मूनक गांव की पुलिस चौकी को थाना बनाया गया है ताकि ग्रामीणों को बेहतर सुविधा मिल सके। इलाके की सुरक्षा व कानून व्यवस्था के मद्देनजर अंतरजिला सीमा पर बनाया गया यह पुलिस थाना बेहद अहम है।
आइजी भारती अरोड़ा और पुलिस कप्तान सुरेंद्र भौरिया ने नये थाने का विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान हवन भी किया गया। उद्घाटन समारोह में आईजी भारती अरोड़ा ने कहा पुलिस और ग्रामीणों को मिलकर समाज की कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। युवाओं में नशे की आदत पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है। इसके लिए समाज को पुलिस का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी को अपने इलाके में नशा करने वाले व्यक्ति के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि ऐसे व्यक्ति को नशे की गर्त से निकाला जा सके। थाने के तहत आएंगे 15 गांव
फिलहाल मूनक थाना अस्थाई तौर पर एक धर्मशाला में शुरू किया गया है। ड्रेन के समीप थाने की बिल्डिग का निर्माण होने के बाद इसे शिफ्ट किया जाएगा। मूनक थाने के अंतर्गत 15 गांव आएंगे। शिकायतों और एफआइआर के अलावा थाने से कई तरह की सेवाएं भी लोगों को मिलेंगी। इस थाने से जोड़े गए गांवों के ग्रामीणों को पुलिस वेरिफिकेशन, आर्म्स लाइसेंस की वेरिफिकेशन और डीडीआर दर्ज करवाने के लिए घरौंडा, असंध और निसिग नहीं जाना पड़ेगा।
एसआइ कुलदीप सिंह को नए थाने का प्रभारी नियुक्त किया गया है। इस मौके पर पूर्व विधायक बख्शीश सिंह, डीएसपी रामदत, असंध मार्किट कमेटी के चेयरमैन गुलाब सिंह, सरपंच हवा सिंह,मंडल अध्यक्ष महिपाल राणा आदि मौजूद रहे। बॉक्स :
हाई प्रोफाइल दुष्कर्म मामले में कैथल एसआइटी ने शुरू की जांच : आइजी
घरौंडा : जुलाई माह में सामने आए बेहद चर्चित हाईप्रोफाइल सामूहिक दुष्कर्म मामले में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आइजी भारती अरोड़ा ने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद जांच की जाती है। केस दर्ज होने के तुंरत बाद गिरफ्तारी नहीं की जाती बल्कि जांच के बाद कार्रवाई की जाती है। एसपी करनाल ने इस केस की जांच ट्रांसफर करने की गुजारिश की थी। जांच के लिए एसपी कैथल ने एसआइटी गठित की है और एसआइटी ने जांच भी शुरू कर दी है। रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।