4.50 लाख हेक्टेयर भूमि में उपसतही जलनिकास पद्धति लगाने का लक्ष्य
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में लवणीय वर्टीसोल मृदाओं में भूजल निकास पद्धति का उपयोग विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का बृहस्पतिवार को शुभांरभ हुआ।
जागरण संवाददाता, करनाल : केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में लवणीय वर्टीसोल मृदाओं में भूजल निकास पद्धति का उपयोग विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का बृहस्पतिवार को शुभांरभ हुआ।
कृषि अभियंताओं और ठेकेदारों के लिए आयोजित कार्यक्रम रैक्स एक्सटरूशन कंपनी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसमें महाराष्ट्र के 15 कृषि अभियंता व ठेकेदार प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. डीएस बुन्देला ने मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे संस्थान के निदेशक डॉ. प्रबोध चंद्र शर्मा का स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान 10 व्याख्यान और एक प्रक्षेत्र भ्रमण कराया जाएगा। इस समय देश में 4.50 लाख हेक्टेयर भूमि में उपसतही जलनिकास पद्धति लगाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र का सहयोग भी लेना आवश्यक है। इस अवसर पर डा. भास्कर नरजरी मौजूद रहे।