हड़ताली बहुउद्देश्यीय कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार
जागरण संवाददाता, करनाल मांगों के लिए हड़ताल पर गए जिन कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई हुई है उनकी नौकरी पर तलवार लटक गई है। विभाग के निर्देश पर जो कर्मचारी गिरफ्तार किए गए थे, उनको स्वास्थ्य विभाग ने ज्वाइन करने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।
जागरण संवाददाता, करनाल
मांगों के लिए हड़ताल पर गए जिन कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई हुई है उनकी नौकरी पर तलवार लटक गई है। विभाग के निर्देश पर जो कर्मचारी गिरफ्तार किए गए थे, उनको स्वास्थ्य विभाग ने ज्वाइन करने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। हालांकि आंदोलन के बाद जिन कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी, उन कर्मचारियों का हड़ताल का क्या संबंध रहा, का पूरा ब्यौरा लेने के बाद ज्वाइन करा दिया गया। सोमवार को भी 82 बहुउद्देश्यीय कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
172 कर्मचारियों ने किया था ज्वाइन
जिले में कुल 172 कर्मचारियों में से एस्मा लगने के बाद ज्वाइन कर लिया था। सिविल सर्जन डॉ. अश्विनी आहुजा के मुताबिक सरकार की तरफ से ऐसे कोई दिशानिर्देश जारी नहीं हुए हैं, जिसमें गिरफ्तार कर्मचारियों को फिर से ज्वाइन कराया जाए। मुख्यालय की तरफ से जो आदेश आएंगे उनको फॉलो किया जाएगा। नौकरी बचाने की जद्दोजहद में कुछ कर्मचारी
सरकार की ओर से आंदोलन की राह पर गए कर्मचारियों पर अंकुश लगाने के लिए एस्मा के तहत जो कार्रवाई की, उसमें बहुउद्देश्यीय कर्मचारी यूनियन दो फाड़ हो गई। 172 में से 90 कर्मचारियों ने ज्वाइन कर लिया था। अब कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जो अपने आपको आंदोलन से दूर बताकर नौकरी पर वापस आने की बात कर रहे हैं। उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। आंदोलन को दबाने का प्रयास : हरिनिवास
महासचिव हरिनिवास व प्रेस सचिव संदीप कुंडू ने कहा कि सरकार की ओर से मानी जायज मांगों पर बार-बार टरकाऊ रवैया अपनाकर गुमराह किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री और वित्तमंत्री की खींचतान में असली मुद्दों से ध्यान हटाकर आंदोलन को दबाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। सरकार द्वारा जितनी कोशिश हमारे आंदोलन को दबाने की होगी कर्मचारी उतने ही ज्यादा मजबूती से अपने आंदोलन को ओर ज्यादा तेज करेंगे। जेल भरो आंदोलन आज
आंदोलन को गति देने के लिए मंगलवार को सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रस्तावित बहुउद्देश्यीय कर्मचारियों का जेल भरो आंदोलल होगा। इसमें अन्य यूनियन भी शामिल होंगी। पहले सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा, उसके बाद जेल भरो आंदोलन में हिस्सा लिया जाएगा।