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कर्णनगरी की शोभा बढ़ाएंगे सूर्य नमस्कार के स्टेचू

जागरण संवाददाता, करनाल सूर्य नमस्कार के स्टेचू सूर्य पुत्र कर्ण की नगरी की शोभा बढ़ाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Oct 2017 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 05 Oct 2017 03:01 AM (IST)
कर्णनगरी की शोभा बढ़ाएंगे सूर्य नमस्कार के स्टेचू
कर्णनगरी की शोभा बढ़ाएंगे सूर्य नमस्कार के स्टेचू

जागरण संवाददाता, करनाल

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सूर्य नमस्कार के स्टेचू सूर्य पुत्र कर्ण की नगरी की शोभा बढ़ाएंगे। योग के इस आसन की अलग-अलग मुद्राओं के पुतले पार्क में लगाए जाएंगे। इस तरह की प्रतिमाएं दिल्ली एयरपोर्ट पर स्थापित हैं। नगर निगम ने पुरानी सब्जी मंडी रोड स्थित मुगल कैनाल के पार्क को इसके लिए चुना है। इसके टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सूर्य नमस्कार की अलग-अलग मुद्राएं स्टेचू की शक्ल में पार्क की खाली जगह में लगाई जाएंगी। पोलीमर फाइबर के इन पुतलों पर धूप व बरसात बेअसर रहेगी और लंबे समय तक यह खराब नहीं होंगी। मुद्राओं के आकार व साईज के हिसाब से इनकी मोटाई तय होगी। कर्णताल पार्क में स्थित दानवीर कर्ण की प्रतिमा भी पोलीमर फाइबर से ही बनी है।

योग को बढ़ावा मिलेगा

आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि सूर्य नमस्कार के यह स्टेचू योग को बढ़ावा देंगे। करनाल में कोई भी व्यक्ति सूर्य नमस्कार की मुद्राओं को देखकर आसानी से इनका अभ्यास कर सकेगा। इसके लिए उसे किसी शिक्षक की जरूरत नहीं पड़ेगी। बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं सभी स्टेचू को देखकर पार्क में अभ्यास कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि योग भारत की पहचान है। सूर्य नमस्कार की विधि के पीछे वैज्ञानिक धारणा भी है। इसके लगातार अभ्यास से मणि चक्र विकसित होता है। जिससे व्यक्ति की रचनात्मक्ता और अंतर ज्ञान दोनों बढ़ते हैं। प्राचीन काल में ऋषि-मुनि सूर्य नमस्कार के अभ्यास पर ही अधिक बल देते थे। सूर्य नमस्कार के 12 आसन होते हैं।


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