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पांच हजार रुपये की रिश्वत लेता फूड सप्लाई विभाग का सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, असंध(करनाल) : दैनिक जागरण ने खाद्य आपूर्ति विभाग की कार्यप्रणाली को एक्सपोज क्या किया,

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 08:45 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 08:45 AM (IST)
पांच हजार रुपये की रिश्वत लेता फूड सप्लाई विभाग का सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार
पांच हजार रुपये की रिश्वत लेता फूड सप्लाई विभाग का सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, असंध(करनाल) : दैनिक जागरण ने खाद्य आपूर्ति विभाग की कार्यप्रणाली को एक्सपोज क्या किया, विभाग की कार्यप्रणाली ही सवालों के घेरे में आ गई। ताजा मामला कस्बे में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सब इंस्पेक्टर अमित राठी को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। विजिलेंस को डिपो होल्डर ने शिकायत दी थी।

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गांव राहड़ा के डिपो होल्डर जगमिद्र ने शिकायत दी कि अमित राठी उससे पांच हजार रुपये हर माह रिश्वत की मांग कर रहा है। रिश्वत न देने पर उसके डिपो को रद करने की धमकी दी जा रही थी। उसने बार बार की उगाही से परेशान होकर उसने विजिलेंस को शिकायत दी।

नायब तहसीलदार को बनाया गया ड्यूटी मजिस्ट्रेट

विजिलेंस इंस्पेक्टर बलवान सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद उन्होंने एक टीम बनाई। इसमें करनाल के नायब तहसीलदार हवा सिंह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। रिश्वत के तौर पर दिए जाने वाले रुपयों के नंबर नोट कर रंग भी लगाया गया। डिपो होल्डर ने ये नोट फूड सप्लाई विभाग के बाहर खड़े सब इंस्पेक्टर अमित राठी को जैसे ही दिये, टीम ने छापा मार दिया। टीम को देखते ही आरोपित भागने लगा। टीम ने उसे मंडी में एक दुकान के निकट से गिरफ्तार कर लिया।

गड़बड़ी की लंबी फेहरिस्त है कस्बे का खाद्य आपूर्ति विभाग

यहां कार्यरत तत्कालीन इंस्पेक्टर पवन सोलंकी ने अपने कार्याकाल में 7 नए डिपो बनाए थे। जिनमें राहड़ा गांव के भी कुछ डिपो शामिल थे। बाद में इन डिपो को बनाने के तौर तरीकों पर सवाल उठाते हुए पवन सोलंकी का तबादला कर उसके खिलाफ जांच बैठा दी थी। वहीं असंध में आए नए इंस्पेक्टर अशोक राणा ने जांच करके सभी डिपो की सप्लाई बंद कर दी थी। अब इंस्पेक्टर अमित राठी ने मिलीभगत कर कुछ दिन पूर्व राहड़ा गांव के बलजिद्र के डिपो की सप्लाई खोल दी थी। जिसके लिए राहड़ा गांव के नरेश व जगमिद्र ने अमित राठी के खिलाफ गलत तरीके से मिलीभगत करके डिपो की सप्लाई खोलने के खिलाफ कोर्ट में केस किया हुआ था।

जागरण ने मुहिम चलाई तो मुखर हुए पीड़ित

विभाग के इंस्पेक्टर की ऐसी दहशत है कि डिपो होल्डर हो या राशन कार्डधारक इनकी मनमानी के खिलाफ कुछ नहीं बोलते थे। यही वजह रही कि राशन कार्ड धारकों के अंगूठा लगवाने के बाद भी फोर्टिफाइड आटा नहीं मिला। जागरण ने एक घोटाले को उजागर किया। तब सिलसिलेवार विभाग में फैली अनियमितताओं को लेकर मुहिम चलाई। इस पर सीएम मनोहर लाल और निदेशालय के एसीएस एसएन राय ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की। जागरण की इसी मुहिम की वजह से अब लोगों में यह विश्वास पैदा हुआ कि खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी बोला जा सकता है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।

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