Move to Jagran APP

पराली किसी भी सूरत में न जलाई जाए, समुचित प्रबंधन करने के लिए किसानों को करें प्रेरित : सीएम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को चंडीगढ़ से वीसी के माध्यम से धान की पराली न जलाए जाने की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और सुझाव व निर्देश् ादिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 06:10 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 06:10 AM (IST)
पराली किसी भी सूरत में न जलाई जाए, समुचित प्रबंधन करने के लिए किसानों को करें प्रेरित : सीएम
पराली किसी भी सूरत में न जलाई जाए, समुचित प्रबंधन करने के लिए किसानों को करें प्रेरित : सीएम

जागरण संवाददाता, करनाल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को चंडीगढ़ से वीसी के माध्यम से धान खरीद कार्य, फसल अवशेष प्रबंधन, बरसाती पानी के भू-रिचार्ज व स्टोरेज, डीएपी खाद की उपलब्धता तथा विकास कार्यों को लेकर जिला उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी उक्त सभी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को लेकर लक्ष्य निर्धारित करके स्थायी व्यवस्था बनाएं ताकि भविष्य में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने उक्त योजनाओं को लेकर जिलावार संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पराली किसी भी सूरत में न जलाई जाए, बल्कि इसका समुचित प्रबंधन करने के लिए किसानों को प्रेरित करें तथा किसानों को पराली के रख-रखाव के लिए सुविधा मुहैया करवाएं।

loksabha election banner

वीसी में डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिले की मंडियों में धान खरीद का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। अब तक 4 लाख 39 हजार 532 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है तथा मंडियों से 55 प्रतिशत से अधिक लिफ्टिग करवाई जा चुकी है तथा 260 करोड़ रुपये की राशि का सीधा भुगतान किसानों के खाते में किया जा चुका है। आगे भी 72 घंटे के अंदर-अंदर किसानों के खाते में पेमेंट करवा दी जाएगी। उन्होंने बरसाती पानी की स्टोरेज और भू-रिचार्ज के लिए बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनाए गए हैं। इसके अलावा हजारों की संख्या में सोख्ते गड्ढे भी मनरेगा स्कीम के तहत बनवाए गए हैं।

डीएपी खाद की उपलब्धता पूरी

डीएपी खाद की उपलब्धता के बारे में बताया कि जिला में फिलहाल 3 हजार मीट्रिक टन यानि 60 हजार बैग उपलब्ध हैं, लेकिन अभी और आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि डीएपी खाद को लेकर 87 प्वाइंट निर्धारित हैं जिनकी फिजीकल वैरिफिकेशन के लिए संबंधित एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा ब्लॉक स्तर पर बीडीपीओ व एचसीएस स्तर के अधिकारी वैरिफिकेशन का कार्य करेंगे ताकि कालाबाजारी को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि जिला में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग है। जिला में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं से जुड़े 39 किसानों के चालान हो चुके हैं जिन पर 97 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

डीसी ने बताया कि पूरे जिले को 13 कलस्टरों में बांटा गया है, जहां पर संबंधित गांवों से किसानों की पराली एकत्रित होगी और वहां से उद्योगों को चली जाएगी। कृषि विभाग की ओर से 6 प्रचार वाहन गांव-गांव पहुंचकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं तथा मंदिर व गुरुद्वारों से भी मुनियादी करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 323 जागरूकता कैंप लगाए गए हैं तथा सार्वजनिक स्थानों पर 100 बड़े-बड़े होर्डिंग्स और 140 वाल पेंटिग करवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर अनुदान राशि पर दिए जाने वाले मशीनरी के लिए 807 किसानों को निजी तौर पर मशीनरी के लिए स्वीकृति प्रदान दी गई है जिनमें से 740 किसानों ने मशीनरी खरीदकर बिल कृषि विभाग के पास जमा करवा दिए हैं। अब उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवा दी जाएगी। इसी प्रकार जिला में कस्टम हायरिग सैंटर के लिए 316 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे जिनमें से 215 स्वीकृत हो चुके हैं और 209 ने मशीनरी खरीद ली है। इन्हें विभाग की ओर से 80 प्रतिशत अनुदान राशि उपलब्ध करवा दी जाएगी।

इस अवसर पर एडीसी योगेश कुमार, एसडीएम करनाल गौरव कुमार, एसडीएम घरौंडा डा. पूजा भारती, एसडीएम इंद्री सुमित सिहाग, एसडीएम असंध मनदीप कुमार, सीटीएम अभय सिंह जांगड़ा, एचएसवीपी के संपदा अधिकारी मयंक भारद्वाज, जिला राजस्व अधिकारी श्याम लाल, डीडीए डा. आदित्य प्रताप डबास, डीएफएससी, डीएम हैफेड तथा विकास कार्यों से जुड़ी इंजीनियरिग विग के अधिकारी मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.