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संपत्ति कर को लेकर आम आदमी पर सख्ती, सरकारी विभागों पर नरमी क्यों?

नीलोखेड़ी नगरपालिका संपत्ति कर वसूली में कमजोर ढाबों को नोटिस देकर भूली

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:20 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:20 AM (IST)
संपत्ति कर को लेकर आम आदमी पर सख्ती, सरकारी विभागों पर नरमी क्यों?
संपत्ति कर को लेकर आम आदमी पर सख्ती, सरकारी विभागों पर नरमी क्यों?

नीलोखेड़ी नगरपालिका संपत्ति कर वसूली में कमजोर, ढाबों को नोटिस देकर भूली

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नपा की डिफाल्टर सूची में शामिल हैं तहसील, पुलिस चौकी और हरियाणा एग्रो फोटो 21 संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी: जिला प्रशासनिक अधिकारियों की कमजोर कार्यप्रणाली के चलते संपत्ति कर वसूलने के लिए नगर पालिका कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं। पालिका की ओर से बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद सरकारी विभागों के जिम्मेदार राशि जमा कराने को गंभीर नहीं हैं। डिफाल्टरों में सबसे अधिक राशि 16 लाख रुपये तहसील के नाम है। साथ ही हरियाणा एग्रो और पुलिस चौकी का नाम भी इसी सूची में शामिल है। आम आदमी को कार्रवाई के नाम पर टैक्स वसूली करने वाले नपा अधिकारी इन बकायादारों से वर्षों से बकाया वसूल नहीं सके हैं। लगभग 40 लाख रुपये की राशि वसूलने के लिए नपा प्रशासन की ओर से 15 बकायादारों को एक बार फिर से नोटिस देने की तैयारी की जा रही है, जिसमें सरकारी व गैर-सरकारी संपत्तियां भी शामिल हैं। बॉक्स----

ढाबों को भेजे गए नोटिस भी ठंडे बस्ते में

नपा प्रशासन की ओर से करीब दो सप्ताह पहले जीटी रोड के दोनों तरफ चार ढाबों के निर्माण को गलत ठहराते हुए नोटिस जारी किए गए थे। निर्माण से पूर्व इन ढाबों ने नपा से नक्शा पास नहीं करवाया था। नपा ने चारों ढाबा मालिकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा था। अब 18 दिन बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई के दौरान नपा प्रशासन का तर्क था कि नियमों के अनुसार किसी भी दुकान, मकान या ढाबा इत्यादि का निर्माण करने से पूर्व नपा से अनुमति लेने के साथ नक्शा पास होना जरूरी है। संतोषजनक जवाब न मिलने के बावजूद अभी तक कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। बॉक्स----

दो बार सर्वे के बावजूद रिकार्ड में सुधार नहीं

प्रापर्टी टैक्स वसूली को लेकर रिकार्ड को ऑनलाइन के लिए दो बार सर्वे किया जा चुका है। सर्वे में किसी की जमीन किसी के नाम और किसी के मकान किसी के नाम दर्ज कर दिए गए थे। इस तरह की गलतियों से भी संपत्ति कर वसूली में दिक्कत आई और खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ा, जोकि प्रॉपर्टी रिकार्ड में अपना नाम सही करवाने के लिए दस्तावेज लेकर पालिका के चक्कर काटते दिखाए दिए। डेढ़ साल पहले किए सर्वे के बाद भी कर उपभोक्ताओं के रिकार्ड को ठीक नहीं किया जा सका है, जिससे पालिका को संपत्ति कर वसूली में लगातार घाटा हो रहा है। वहीं संपत्ति धारकों को नामांतरण, बैंक लोन सरीखे कामों में समस्या आ रही है। बॉक्स---

सरकारी विभाग के जिम्मेदारों पर करेंगे कार्रवाई : डीसी

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि प्रॉपर्टी टैक्स के नाम पर बकाया राशि जमा न कराने से शहर का विकास प्रभावित होता है। ऐसे में नीलोखेड़ी नपा प्रशासन की ओर से सरकारी विभागों से राशि वसूल न कर पाना गंभीर विषय है। इस संबंध में एसडीएम से बातचीत कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं, नपा सचिव देवेंद्र नरवाल ने बताया कि तहसील, पुलिस चौकी, हरियाणा एग्रो सहित कुल 15 लोगों पर लगभग 40 लाख रुपये बकाया हैं। बकायादारों से संपत्ति कर वसूलने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। सरकारी विभागों द्वारा राशि न जमा करवाने पर उच्चाधिकारियों को लिखा जाता है। ढाबा मालिकों को भी दस्तावेज की जांच करवाने के लिए कहा गया है।


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