श्रीमद्भागवत गीता सिखाती है जीवन जीने की कला : स्वामी ज्ञानानंद
श्री सनातन धर्म महाबीर दल अस्पताल में श्रीमद्भागवत गीता संग्रहालय व महामना पं. मदनमोहन मालवीय वातानुकूलित सत्संग भवन का शुभारंभ स्वामी ज्ञानानंद ने किया। संस्था के सदस्य व पूर्व प्रधान सतीश कुमार गोयल ने कहा कि चूंकि गीता का जन्म भगवान कृष्ण के मुखरा¨बद से हरियाणा में हुआ है, मगर हरियाणा के लोग गीताज्ञान से काफी वंचित हैं, इसलिए यह एक अनूठी पहल है जिससे लोग श्रीमद्भागवत गीता संग्रहालय में आकर गीता ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।
जागरण संवाददाता, करनाल : श्री सनातन धर्म महाबीर दल अस्पताल में श्रीमद्भागवत गीता संग्रहालय व महामना पं. मदनमोहन मालवीय वातानुकूलित सत्संग भवन का शुभारंभ स्वामी ज्ञानानंद ने किया। संस्था के सदस्य व पूर्व प्रधान सतीश कुमार गोयल ने कहा कि चूंकि गीता का जन्म भगवान कृष्ण के मुखरा¨बद से हरियाणा में हुआ है, मगर हरियाणा के लोग गीताज्ञान से काफी वंचित हैं, इसलिए यह एक अनूठी पहल है जिससे लोग श्रीमद्भागवत गीता संग्रहालय में आकर गीता ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि 7-8 भाषाओं में अलग-अलग लेखकों की गीता, गीता संग्रहालय में रखी गई हैं। यह सत्संग भवन व वाचनालय, जिन्हें वातानुकूलित बनाया गया है तथा इसकी सेवाएं नि:शुल्क रहेंगी। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता ज्ञान का संदेश देते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत गीता न केवल धर्म का उपदेश देती है, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाती है। गीता के उपदेश पर चलकर न केवल हम स्वयं का बल्कि समाज का भी कल्याण कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान जीवन में उत्पन्न कठिनाईयों से लड़ने के लिए मनुष्य को गीता में बताए ज्ञान की तरह आचारण करना चाहिए इससे वह उन्नति की ओर अग्रसर होगा। इस अवसर पर मेयर करनाल रेनू गुप्ता व समाजसेवी बृज गुप्ता, हरकृष्ण गुप्ता, निर्देशक लिबर्टी रमन गुप्ता व संस्था के सदस्य अनिल गुप्ता, गुलशन खेतरपाल, महेश गुप्ता, हरीश निरवानी, शामदास प्रणामी, प्रेम सागर गुप्ता, रमन गुप्ता, कैलाश चंद गुप्ता, अशोक गुप्ता व रमेश नागपाल मौजूद रहे।