स्मॉग : एक्शन में प्रशासन, 73 पर केस दर्ज के निर्देश
स्मॉग के कारण बने हेल्थ एमरजेंसी के हालात ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है।
जागरण संवाददाता, करनाल
स्मॉग के कारण बने हेल्थ एमरजेंसी के हालात ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है। स्मॉग की स्थिति पर गंभीर होकर प्रशासन ने सख्ती कर दी है। सोमवार को मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए निर्देश के अनुसार करनाल जिले में पराली जलाने वाले 73 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए कहा है। एक्शन मोड में आए प्रशासन ने बिना एसएमएस के चल रही कंबाइन को जब्त करने के लिए कहा है। खेतों में फसल अवशेषों को आग लगाने और ईंट भट्टों की चिमनी से निकलने वाले धुएं के लिए दोषी पर कार्रवाई होगी। फसल अवशेष जलने वाले खेत में आग को बुझाया तो जाएगा, लेकिन खर्च खेत मालिक पर होगा। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में आग लगाने की ज्यादा घटनाएं हुई है, वहां तुरंत ग्राम सभाओं की बैठक कराएं। सोमवार को यह रही पर्यावरण की स्थिति
सोमवार को हवा की गति में आई तेजी से मौसम साफ हो गया। सुबह सूर्य देव के दर्शन हुए। इससे पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर कम हो गया। सुबह के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स 465 से घटकर 375 तक आ गया। इधर, पीएम 2.5 की मात्रा 63 माइक्रोग्राम दर्ज की गई है। हवा 5.8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। हालांकि शाम ढलने के बाद मौसम में जैसे ही नमी बढ़ी एयर क्वालिटी इंडेक्स का आंकड़ा भी बढ़ना शुरू हो गया। ईंट-भट्ठों के संचालन पर फिलहाल रोक
मुख्य सचिव के निर्देश पर जिले में ईंट भट्ठों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण में इजाफा हो रहा है, उन पर फिलहाल तुरंत प्रभाव से रोक लगाई गई है। शहरों अथवा निकाय क्षेत्रों में कूड़े-कचरे में आग लगाने जैसी घटनाएं ना हों तथा भवन निर्माण के दौरान उठने वाले सीएनडी वेस्ट पर भी कार्रवाई करते हुए चालान करने को कहा है।
15 दिन तक मुख्यालय को देनी होगी हर रोज रिपोर्ट
पर्यावरण में हो रहे उतार-चढ़ाव की स्टेटस रिपोर्ट अगले 15 दिन तक सभी संबंधित अधिकारियों की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट नियमित यानी रोजाना मुख्यालय चंडीगढ़ भेजेंगे। जो खेतीहर, संस्था या एनजीओ प्रदूषण को रोकने के लिए अच्छा कार्य कर रही है, उनका उत्साह बढ़ाने के भी सरकार ने निर्देश दिए हैं। 14 गांव ऐसे जहां 11 से 34 आग की घटनाएं हुई
जिला राजस्व अधिकारी शामलाल के अनुसार जिले के 14 गांव ऐसे हैं, जिनमें 10 से अधिक यानी 11 से 34 तक आग लगाने की घटनाएं हुई हैं। इसी प्रकार 19 गांव ऐसे हैं, जिनमें आग लगाने की 5 से 10 घटनाएं हुई। इसके अतिरिक्त 39 गांवों में आग लगाने की दो से चार घटनाएं हुई, जबकि 77 गांवों में आग लगाने के सिगल अथवा एक-एक केस हुआ। किसानों से लगातार अपील की जा रही है कि वे फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को आग ना लगाएं। डीआरओ के अनुसार खेतों में अवशेषों को आग लगाने के दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।