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प्रतिनिधि उसे चुनें, जो देश की सबसे बड़ी पंचायत में हमारी आवाज बने

वोट हमारी ताकत है। मतदाता इस ताकत का उपयोग लोकसभा चुनाव में जरूर करें। 12 मई को बूथ पर जाकर मनपसंद प्रत्याशी को वोट दें। जनमत से चुना गया प्रतिनिधि ही पानीपत की आवाज देश की सबसे बड़ी पंचायत में उठा सकता है

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:57 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:30 AM (IST)
प्रतिनिधि उसे चुनें, जो देश की सबसे बड़ी पंचायत में हमारी आवाज बने
प्रतिनिधि उसे चुनें, जो देश की सबसे बड़ी पंचायत में हमारी आवाज बने

जागरण संवाददाता, पानीपत : वोट हमारी ताकत है। मतदाता इस ताकत का उपयोग लोकसभा चुनाव में जरूर करें। 12 मई को बूथ पर जाकर मनपसंद प्रत्याशी को वोट दें। जनमत से चुना गया प्रतिनिधि ही पानीपत की आवाज देश की सबसे बड़ी पंचायत में उठा सकता है। सेक्टर 29 पार्ट-2 स्थित दैनिक जागरण के कार्यालय में शुक्रवार को सही चुनें-सभी चुनें विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन कार्यक्रम में डायर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने उद्योगों से जुड़ी समस्याओं पर खुलकर चर्चा की। ऐसे प्रतिनिधि के चुनाव की अपील की जो उद्योग जगत की बात संसद में उठा सके। समस्याओं का प्रमुखता से समाधान करा सके। प्रस्तुत है परिचर्चा का मुख्य अंश :- एक-एक वोट है कीमती

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लोकतंत्र में एक-एक वोट कीमती होता है। वोट करने से पहले यह जरूर सोचें कि जिसे वोट दे रहे हैं वो भविष्य में आपकी अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरेगा। आपकी समस्याओं का कितना समाधान करा सकेगा।

राजेश जैन, उद्योगपति वोट से मजबूत बनेगा लोकतंत्र

लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए भारतीय संविधान में मतदान का अधिकार दिया गया है। प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि चुनाव के दिन कुछ समय निकाल कर वोट करने जरूर जाए। दूसरों को भी प्रेरित करे।

संजीव अरोड़ा, उद्योगपति प्रत्याशी वही सही जो वोटरों की समस्या उठाए

चुनाव में जो सही और ईमानदार प्रत्याशी हो उसे ही वोट दें। करनाल लोकसभा से पैराशूट सांसद चुने जाते रहे हैं। चुनाव जीतने के बाद कभी इस क्षेत्र को देखने भी नहीं आए। समस्या उठाना तो दूर की बात है।

मुकेश रेवड़ी, सदस्य, डायर्स एसोसिएशन शहर के मुद्दे को संसद में उठाए

वोट उस प्रत्याशी को देना चाहिए जो संसद भवन में पानीपत के मुद्दे को उठा सके। डाइंग यूनिट मूलभूत सुविधा न मिलने से परेशानी होती है। उत्पादन पर असर पड़ता है। जनप्रतिनिधि सही होगा तो सरकार पर दबाव बनाकर उद्योगों के अनुकूल नीतियों का निर्माण करा सकेगा।

राजेश पाहवा, उद्योगपति अच्छा नेता चुनें

मताधिकार का सदुपयोग किया जाना चाहिए। वोट डालने से पहले इस पर भी गौर करें कि जिसे वोट दे रहे हैं वो समाज और देशहित के लिए कितना काम आएगा। जरूरत पड़ने पर पैराशूट उम्मीदवारों की तरह धोखा तो नहीं देगा।

मदन सिंह, सदस्य, डायर्स एसोसिएशन चुनाव से पहले कसौटी पर परखें

चुनाव में वोट देने से पहले प्रत्याशियों को कसौटी पर परखें। जो उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं उनकी मंशा कैसी है। चुनाव जीतने के बाद जनता के लिए कितना समय दे सकेंगे। ईमानदार नेता चुनेंगे तो ब्यूरोक्रेट्स पर अपनी पकड़ मजबूत बनाकर रखेगा। भ्रष्टाचार से देश को बचाएगा।

शिव मल्होत्रा, उद्योगपति वोट सबसे बड़ा हथियार

वोटर का सबसे बड़ा हथियार वोट है। चुनाव में जो वोट डालने नहीं जाते हैं वो चुने गए जनप्रतिनिधि से उम्मीद भी न रखें। सांसद अपने बीच का होगा तो उसे गंभीरता से समस्या का पता होता है। लोकतंत्र की यही पहचान है।

नरोत्तम अग्रवाल, डायर्स एसोसिएशन जनता का करे प्रतिनिधित्व

वोट से चुना गया प्रतिनिधि हमारी आवाज बनता है। चुनाव में ऐसे उम्मीदवार को चुनें जो जनता का प्रतिनिधित्व करे। सिर्फ अपने बारे में न सोचे। क्षेत्र में समान विकास की बात सोचे। पब्लिक के मुद्दों को प्रमुखता से उठाए।

प्रवीण मित्तल, उद्योगपति देशहित के बारे में सोचे

विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र को बचाना है तो वोट देना पड़ेगा। प्रत्याशी अच्छा नहीं है तो नोटा का भी विकल्प है। सांसद के चुनाव में देशहित की बात होनी चाहिए। सक्षम लोग भी वोट देने जरूर जाएं। यह न सोचें कि कतार में घंटों लगना पड़ेगा।

राम प्रताप गुप्ता, डायर्स एसोसिएशन पैराशूट सांसदों ने नहीं उठाए मुद्दे

करनाल लोकसभा सीट पर पैराशूट प्रत्याशी उतारने की परंपरा रही है। प्रतिनिधियों की प्राथमिकता जनता की समस्याओं को उठाना और सरकार से समाधान कराना है। ऐसे में देश हित सोचने वाले प्रत्याशी को ही वोट दें। फैक्ट्री संचालक भी उस दिन वोट जरूर डालने जाएं।

भीम राणा, प्रधान, डायर्स एसोसिएशन नेताजी सुनिए: ये हैं डाइंग सेक्टर के मुद्दे

-एन्हांसमेंट के समाधान के लिए तीन जजों की कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी है। सरकार इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर रही है। प्लॉटों पर पांच गुणा ज्यादा ब्याज लगाने से व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।

-जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम विकसित नहीं किया गया। डाइंग यूनिटों के लिए जल का लेन-देन बड़ी समस्या है।

-2001 में सेक्टर-29 औद्योगिक सेक्टर बनाया गया। डाइंग यूनिटों को इस सेक्टर में सुविधा देने की बात कही गई, लेकिन इतने वर्षों के बाद भी कुछ नहीं मिला।

-औद्योगिक सेक्टर का इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत किया जाए।

-उद्योगों के लिए बनाई गई पॉलिसी में सुधार की जरूरत है।

-सेक्टरों में उद्यमियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

-भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जाए।

-डाइंग यूनिटों पर कोई नियम थोपने से पहले सरकार उद्यमियों से बात करे।

-कॉटन और पॉलिस्टर उद्योग को दूसरे देशों से मुकाबला करने के लिए पॉलिसी में बदलाव लाए।

-इंस्पेक्टरी राज खत्म किया जाए।

-आगजनी रोकने के लिए औद्योगिक सेक्टर में एक फायर स्टेशन बनाया जाए।


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