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स्मार्ट सिटी की सड़क से उतरा साझी साइकिल का पहिया

शहर को स्मार्ट बनाने के लिए तमाम प्रयास निगम की ओर से शुरू किए गए। इसी कड़ी में साझी साइकिल योजना भी एक थी। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए खानापूर्ति की गई। पड़ताल में बात सामने आई कि साझी साइकिल को शुरू करने के लिए हर स्तर पर खानापूर्ति की गई। चूंकि यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा था। इसमें स्मार्ट सड़क भी बनाई जानी थी। अंबेडकर चौक से लेकर महाराजा अग्रसेन चौक तक स्मार्ट सड़क बनाई गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 09:55 AM (IST)
स्मार्ट सिटी की सड़क से उतरा साझी साइकिल का पहिया
स्मार्ट सिटी की सड़क से उतरा साझी साइकिल का पहिया

जागरण संवाददाता, करनाल

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शहर को स्मार्ट बनाने के लिए तमाम प्रयास निगम की ओर से शुरू किए गए। इसी कड़ी में साझी साइकिल योजना भी एक थी। योजना को अमली जामा पहनाने के लिए खानापूर्ति की गई। पड़ताल में बात सामने आई कि साझी साइकिल को शुरू करने के लिए हर स्तर पर खानापूर्ति की गई। चूंकि यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा था। इसमें स्मार्ट सड़क भी बनाई जानी थी। अंबेडकर चौक से लेकर महाराजा अग्रसेन चौक तक स्मार्ट सड़क बनाई गई। लेकिन स्मार्ट सिटी के पैरामीटर पर यह खरी नहीं उतरी। यहां पर बनाए गए फुटपाथ को साइकिल ट्रैक बना दिया गया क्योंकि साझी साइकिल के प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाना था। महज 500 मीटर के इस टुकड़े पर साइकिल ट्रैक बनाकर साझी साइकिल योजना को शुरू किया गया। लोगों के कार्ड भी बना दिए गए। लेकिन जब साइकिल चलाने के लिए लोगों को शहर में जगह नहीं मिल पाई तो इस योजना को जंग लगना शुरू हो गया। साइकिल चलाना सेहत के लिए अच्छा, लेकिन जगह तो हो

साझी साइकिल योजना को जिस प्रकार स्पीड से प्रचार कर शुरू किया गया, उसी स्पीड से ग्रहण लगना भी शुरू हो गया। निगम अधिकारियों ने कहा कि साइकिल चलाना सेहत के लिए अच्छा है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतना महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था तो अधिकारियों ने क्यों लापरवाही की। 2016 में शुरू की थी योजना की शुरुआत

करनाल नगर निगम ने 2016 में पूरे जोरशोर से सांझी साइकिल योजना शुरू की थी। योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने पर नाममात्र शुल्क देकर पूरे करनाल में साइकिल पर घूमा जा सकता है। शहर में निगम ने सबसे पहले खुद अपने कार्यालय परिसर में साइकिल स्टैंड बनाकर आम लोगों को इस योजना से जोड़ने की पहल की थी। यहां हैं साझी साइकिल के स्टैंड

- राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेलवे रोड

- कर्ण गेट चौक

- रेलवे स्टेशन के समीप

- खालसा कॉलेज के पास

- सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय

- आइटीआइ चौक के समीप

- निर्मल कुटिया चौक के समीप स्मार्ट सड़क भी नहीं ढूंढ पाए अधिकारी

सीएम सिटी को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने के लिए कई प्रोजेक्ट पर काम करने का दावा किया जा रहा है। इसी क्रम में स्मार्ट सड़क भी एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था। डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक से लेकर महाराजा अग्रसेन चौक तक बनाए गए 500 मीटर के सड़क के टुकड़े को स्मार्ट सड़क का नाम दे दिया गया। मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे खारिज कर दिया गया था। क्योंकि यह किसी भी पैरामीटर पर खरी नहीं उतरी थी। चार सड़क खोजी थी, सभी रिजेक्ट

टीम ने ऐसी चार सड़कों को चिन्हित भी किया, जहां पर स्मार्ट सड़क की संभावनाएं थी। लेकिन पिछले दिनों मंडल आयुक्त की बैठक में तकनीकी कारणों से इन सड़कों को खारिज कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि टीम को यह पता ही नहीं कि स्मार्ट सड़क के पैरामीटर है क्या? यहीं वजह रही कि छह माह बाद जो सड़क चिन्हित की, वह रिजेक्ट हो गई। ये सड़कें की गई थीं रिजेक्ट

- अंबेडकर चौक से वाल्मीकी चौक। लंबाई एक हजार मीटर।

- गांधी चौक से परशुराम चौक, लंबाई 800 मीटर

- परशुराम चौक महावीर चौक, लंबाई 1100 मीटर

- मुगल कैनाल फेज-4, लंबाई 1300 मीटर योजना को दोबारा सिरे चढ़ाया जाएगा

डीएमसी धीरज कुमार के मुताबिक यह स्मार्ट सिटी का हिस्सा है। इसलिए निगम का सीधा दखल नहीं है। शहर को स्मार्ट सिटी घोषित होने के बाद साझी साइकिल योजना शुरू हुई थी, इसको दोबारा सिरे चढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों में साइकिल के प्रति जागरूकता होनी जरूरी है।


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