ईश्वर हमसे केवल निश्छल प्रेम ही चाहते हैं : साध्वी दीपमाला
श्रीसेवा समिति आश्रम में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। सोमवार को कथा सुनाते हुए साध्वी दीपमाला ने कहा कि भागवत के दशम स्कंध में अनेक लीलाओं का वर्णन है। भगवान माखन चोरी लीला भी करते हैं। ये माक्खन ही प्रेम का प्रतीक है।
जागरण संवाददाता, करनाल : श्रीसेवा समिति आश्रम में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया। सोमवार को कथा सुनाते हुए साध्वी दीपमाला ने कहा कि भागवत के दशम स्कंध में अनेक लीलाओं का वर्णन है। भगवान माखन चोरी लीला भी करते हैं। ये माक्खन ही प्रेम का प्रतीक है। जिस तरह दूध का सार माक्खन होता है उसी तरह हमारे जीवन का सार प्रेम है। ईश्वर हमसे केवल निश्छल प्रेम ही चाहता है बाकि सारे साधन जो हम करते हैं जैसे पूजा भक्ति ये सब परमात्मा को प्रसन्न करने के तरीके हैं। इन साधनों में भक्ति में, पूजा में यदि प्रेम शामिल हो जाए तो परमात्मा जल्दी और अत्याधिक प्रसन्न हो जाता है।
उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजन भी यही दर्शाता है कि जो ईश्वर की इच्छा के साथ एक हो जाता है उसकी सारी इच्छाओं को पूरा करने का दायित्व भी ईश्वर का हो जाता है। श्री सेवा समिति के प्रधान रामा मदान ने बताया कि कथा का आयोजन 20 मार्च तक किया जाएगा।
इस मौके पर तिलकराज खुराना, रूप नारायण चानना, सुरेंद्र नाथ गाबा, डीडी खुराना, केके भंडारी, पुजारी आहूजा, प्रकाश चंद मलिक, कमल मुंजाल, सुनील नारंग व लोकेश मौजूद रहे।