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एडमिशन को लेकर आनाकानी कर रहे प्राइवेट स्कूल, परेशान अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

नियम 134ए के तहत परीक्षा पास करने के बाद भी बच्चों को प्राइवेट स्कूलों के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। डिमांड स्कूल में सीट न होने के कारण कुछ बच्चों को तो स्कूल ही अलॉट नहीं हो पाए। वहीं जिन्हें स्कूल अलॉट हो चुके हैं, उन्हें प्रबंधन यह कहकर दाखिला नहीं दे रहा है कि अभी उनके पास बीईओ कार्यालय की ओर से पास और अलॉटेड स्टूडेंट्स की लिस्ट नहीं आई है। वहीं कुछ स्कूलों ने अभिभावकों को यह कहते हुए एडमिशन से मना कर दिया कि सरकार ने पिछले दो साल से नियम के तहत पढ़ने वाले बच्चों की फीस नहीं दी है। इसलिए वे इस बार ऐसी गलती नहीं करेंगे। निजी स्कूल प्रबंधन के इस तरह के रवैये से खफा अभिभावक सुबह बीईओ कार्यालय में पहुंचे। जहां उन्होंने निजी स्कूलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 01:02 AM (IST)
एडमिशन को लेकर आनाकानी कर रहे प्राइवेट स्कूल, परेशान अभिभावकों ने किया प्रदर्शन
एडमिशन को लेकर आनाकानी कर रहे प्राइवेट स्कूल, परेशान अभिभावकों ने किया प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, करनाल : नियम 134ए के तहत परीक्षा पास करने के बाद भी बच्चों को प्राइवेट स्कूलों के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। डिमांड स्कूल में सीट न होने के कारण कुछ बच्चों को तो स्कूल ही अलॉट नहीं हो पाए। वहीं जिन्हें स्कूल अलॉट हो चुके हैं, उन्हें प्रबंधन यह कहकर दाखिला नहीं दे रहा है कि अभी उनके पास बीईओ कार्यालय की ओर से पास और अलॉटेड स्टूडेंट्स की लिस्ट नहीं आई है।

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वहीं कुछ स्कूलों ने अभिभावकों को यह कहते हुए एडमिशन से मना कर दिया कि सरकार ने पिछले दो साल से नियम के तहत पढ़ने वाले बच्चों की फीस नहीं दी है। इसलिए वे इस बार ऐसी गलती नहीं करेंगे। निजी स्कूल प्रबंधन के इस तरह के रवैये से खफा अभिभावक सुबह बीईओ कार्यालय में पहुंचे। जहां उन्होंने निजी स्कूलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं उन्होंने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी रोष व्यक्त किया। उनका कहना है कि जिस स्कूल में उनके बच्चे पहले पढ़ रहे थे, वे भी अब यह कहते हुए दबाव देने लगे हैं कि यदि एडमिशन फीस नहीं दी तो बाद में स्कूल में बच्चे का दाखिला नहीं होगा।

डीसी से लगाई दाखिले की गुहार

बीईओ कार्यालय में प्रदर्शन करने के बाद सभी अभिभावक एकत्रित होकर जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए डीसी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने जिला प्रशासन से बच्चों के दाखिले को लेकर गुहार लगाई। अभिभावकों का कहना है कि नियम के तहत दाखिल के लिए 55 प्रतिशत अंकों की शर्त रखी गई है, लेकिन बच्चों ने 90 प्रतिशत तक अंक लिए हैं। बावजूद इसके भी उनका एडमिशन नहीं हो रहा है। सरकार स्कूलों को पैसों का भुगतान नहीं कर सकती, तो इस नियम को खत्म ही कर देना चाहिए। ताकि हर वर्ष उन्हें इस मुश्किल प्रक्रिया से दो चार न होना पड़े।

गए फ्री एडमिशन कराने थे, स्कूल मांग रहा हजारों रुपये

अभिभावकों का कहना है कि सरकार की तरफ से स्कूलों को पिछले दो साल से पैसा जारी न होने के कारण उन्हें एडमिशन नहीं मिल रहा है। स्कूल अलॉटमेंट लिस्ट में अपने बच्चों का नाम देखकर वे संबंधित स्कूल में दाखिला कराने गए थे, लेकिन प्रबंधन उनसे दाखिले की एवज में हजारों रुपये मांग रहे हैं।

25 अप्रैल के बाद आने को बोल रहे स्कूल

पहले ड्रा में जिन बच्चों को स्कूल अलॉट हुए हैं। उन्हें दाखिले के विभाग की ओर से 25 अप्रैल तक का समय दिया गया है। अभिभावक ओम, सुरेश, सीमा, अंजना और ममता का कहना है कि पहले तो स्कूल नियम के तहत दाखिल के लिए मना कर देते हैं। बाद में जब नियम का हवाला देकर दाखिले की बात करते हैं तो वे 25 अप्रैल के बाद पता करने को कहते हैं, जबकि 25 अप्रैल दाखिले की अंतिम तिथि है। फोटो---22 नंबर है। दाखिला न रोके स्कूल, डिमांड का मुख्यालय को लिखा पत्र : डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी सरोज बाला गुर ने जिले के सभी स्कूलों व सभी बीईओ को निर्देश जारी किए हैं कि नियम 134ए के तहत जिन बच्चों को स्कूल अलॉट हो चुके हैं। उनके दाखिले की प्रक्रिया पूरी करवाएं। स्कूलों को मांगों के कारण बच्चों का दाखिला नहीं रोका जा सकता। उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों को पिछले सालों के जो पैसे सरकार की ओर से जारी नहीं हुए हैं। इसके लिए विभाग के डायरेक्टर को भी पत्र लिखा गया है।


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