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नियम 134ए : स्कूल संचालकों की मनमानी जारी, अभिभावक परेशान, विभाग लाचार

नियम 134ए के तहत निजी स्कूल संचालक पात्र बच्चों को दाखिला न देने के बहाने खोज रहे हैं। इस वजह से मंगलवार तक बच्चों के एडमिशन नहीं हो पाए। अभिभावकों ने बताया कि संचालक उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, इतना ही नहीं दाखिला न देना पड़े, इसके लिए तरह-तरह के दस्तावेज मांग रहे हैं। ऐसे स्कूलों को बीईओ करनाल ने नोटिस जारी कर निर्देश दिए हैं कि नियम के तहत सभी पात्र बच्चों का एडमिशन करें, नहीं तो निदेशालय को रिपोर्ट भेजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए स्कूल प्रबंधन ही पूरी तरह से जिम्मेवार होगा। सीटों से आधे पात्र बच्चे, फिर भी आनाकानी एडमिशन में आनाकानी के यह हालात तब हैं जब 10

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Apr 2018 02:20 AM (IST)Updated: Wed, 25 Apr 2018 02:20 AM (IST)
नियम 134ए : स्कूल संचालकों की मनमानी जारी, अभिभावक परेशान, विभाग लाचार
नियम 134ए : स्कूल संचालकों की मनमानी जारी, अभिभावक परेशान, विभाग लाचार

गगन तलवार, करनाल

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नियम 134ए के तहत निजी स्कूल संचालक पात्र बच्चों को दाखिला न देने के बहाने खोज रहे हैं। इस वजह से मंगलवार तक बच्चों के एडमिशन नहीं हो पाए। अभिभावकों ने बताया कि संचालक उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, इतना ही नहीं दाखिला न देना पड़े, इसके लिए तरह-तरह के दस्तावेज मांग रहे हैं। ऐसे स्कूलों को बीईओ करनाल ने नोटिस जारी कर निर्देश दिए हैं कि नियम के तहत सभी पात्र बच्चों का एडमिशन करें, नहीं तो निदेशालय को रिपोर्ट भेजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए स्कूल प्रबंधन ही पूरी तरह से जिम्मेवार होगा।

सीटों से आधे पात्र बच्चे, फिर भी आनाकानी

एडमिशन में आनाकानी के यह हालात तब हैं जब 108 स्कूलों में नियम के तहत 3827 सीट रिजर्व हैं, और दाखिला लेने वाले 1838, यानी आधे से भी कम। इसके बाद भी दाखिले के लिए अभिभावकों को पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी निजी स्कूल संचालकों के सामने मजबूर से दिखाई दे रहे हैं जो पहले ड्रा में 1254 बच्चों को अलॉट किए गए स्कूल में दाखिला नहीं करा पा रहे हैं।

अब भला इन दस्तावेजों की दाखिले के वक्त जरूरत क्या?

एडमिशन के लिए स्कूल बच्चे का बैंक अकाउंट नंबर, पैन नंबर व पेरेंट्स की बैंक अकाउंट डिटेल सहित अन्य 14 तरह के कागज मांगे गए हैं। जिनकी कोई जरूरत नहीं है। इसके अलावा इन्हीं दस्तावेजों को नोटरी से भी अटैस्टेड कराने के लिए भी कहा जा रहा है, जबकि बीईओ की ओर से जारी नोटिस के अनुसार एडमिशन के लिए सिर्फ बच्चे के स्कूल लि¨वग सर्टिफिकेट(एसएलसी) की ही जरूरत है। इसके अलावा स्कूल एंट्रेंस में पास बच्चों की लिस्ट उनके पास न पहुंचने का तर्क दे रहे हैं।

कोशिश यहीं कि दाखिले की तारीख निकल जाए

अभिभावक आशुतोष, गौतम, निधि, ज्योत्सना और सरोज ने बताया कि संचालकों की यहीं कोशिश है कि दाखिले की अंतिम तारीख निकल जाए। हकीकत यह है कि वे हमारे बच्चों को बोझ मान रहे हैं। बार-बार यह अहसास कराया जा रहा है कि हम गरीब हैं, उनके स्कूल के स्टेट्स से मेल नहीं खा रहे हैं। इसलिए तरह-तरह के बहाने लगाए जा रहे हैं। 26 अप्रैल दाखिले की अंतिम तारीख है। जो डॉक्यूमेंट मांगे जा रहे हैं, उन्हें बनवाने में ही सप्ताह से ज्यादा का वक्त लग जाएगा।

एप्लीकेशन जमा करने पहुंच रहे अभिभावक

पहले ड्रा में जिन बच्चों को स्कूल अलॉट नहीं हुआ। उनके दाखिले के लिए अभिभावक बीईओ कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। विभाग की ओर से निर्धारित प्रफोर्मा में दोबारा इनसे स्कूलों की डिमांड मांगी गई है। जो अभिभावक आवेदन करेंगे। वहीं 1 मई को होने वाले दूसरे ड्रा में हिस्सा ले पाएंगे। फोटो---21 नंबर है।

वर्जन--

सभी स्कूलों को बच्चों की स्कूल अलॉटमेंट लिस्ट ई-मेल की गई थी। इसके बावजूद भी बच्चों का एडमिशन नहीं हो पा रहा था। कुछ स्कूल बेवजह के डाक्यूमेंट्स की मांग कर रहे हैं। जो कि गलत है। इन्हें निर्धारित समय और प्रोसेस में एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। -सपना जैन, बीईओ करनाल।


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