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Rice Scam: करनाल की सात मिलों पर करोड़ों बकाया, एक राइस मिल संचालक व गारंटर पर मामला दर्ज

Rice Scam में घिरे राइस मिल संचालकों पर शिकंजा कस लिया गया है। सरकारी अदायगी नहीं करने वाले संचालकों पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 11:40 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 11:46 AM (IST)
Rice Scam: करनाल की सात मिलों पर करोड़ों बकाया, एक राइस मिल संचालक व गारंटर पर मामला दर्ज
Rice Scam: करनाल की सात मिलों पर करोड़ों बकाया, एक राइस मिल संचालक व गारंटर पर मामला दर्ज

जेएनएन, करनाल। Rice Scam: चावल घोटाले की जद में आए राइस मिल संचालकों पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है। चावल जमा नहीं करवाने की अंतिम तिथि निकल जाने के बाद भी सरकारी अदायगी नहीं करने वाले संचालकों पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि राइस मिल संचालकों को अभी उम्मीद है कि चावल जमा करवाने की अंतिम तिथि एक बार और बढ़ सकती है, लेकिन दूसरी ओर विभाग इस मामले में अपनी जांच को लगातार आगे बढ़ा रहा है।

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इसी कड़ी विभाग ने गत दिवस सरकारी चावल की अदायगी नहीं करने वाले भारत राइस मिल मुगल माजरा के संचालक व गारंटर पर कुंजपुरा पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज करवा दी है, जबकि एक और राइस मिल पर एक या दो दिन में एफआइआर दर्ज करवाई जा सकती है।

इसके साथ ही अभी सात राइस मिल को एक लाख 74 हजार क्विंटल चावल सरकार को अदा करना है। इस चावल की सरकारी कीमत करीब 50 करोड़ रुपये है। यही वजह है कि ये राइस मिल संचालक अभी चावल अदायगी की अंतिम तिथि बढ़ने की आस में हैं।

खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी देवेंद्र मान द्वारा पुलिस में दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि भारत राइस मिल मुगल माजरा रोड कुंजपुरा के मालिक ने विभाग को तय समय सीमा के भीतर चावल वापस नहीं लौटाया। आरोपित राइस मिल मालिक के पास चावल लौटाने के लिए धान का स्टॉक भी उपलब्ध नहीं है। जबकि सरकार व संबंधित विभाग की ओर से 31 अगस्त तक धान वापस लौटाने का समय निश्चित किया गया था। शिकायत के आधार पर जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें भारत राइस मिल मुगल माजरा रोड कुंजपुरा के मालिक संजय गुप्ता के अलावा गौरव, विजय कुमार व अरविंद शामिल हैं।

डीएफएससी निशांत राठी ने कहा कि भारत राइस मिल के संचालक व गारंटर पर मामला दर्ज करवा दिया गया है, जबकि एक अन्य राइस मिल मोदी राम एंड संस के पास भी स्टॉक नहीं है। इस राइस मिल पर भी एक या दो दिन में एफआइआर दर्ज करवाई जा सकती है। अभी सात राइस मिल की 600 गाड़ियां बकाया हैं। हालांकि अभी चावल अदा करवाने की अंतिम तिथि बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके साथ ही अभी तक सात राइस मिल की प्रॉपर्टी अटैच की जा चुकी है।


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