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रेट, राइस मिलर्स व अधिकारियों के झगड़े से परेशानी

कुछ भाव ने परेशान किया तो कुछ राइस मिलर्स और अधिकारियों झगड़े ने

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 12:49 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 12:49 AM (IST)
रेट, राइस मिलर्स व अधिकारियों 
के झगड़े से परेशानी
रेट, राइस मिलर्स व अधिकारियों के झगड़े से परेशानी

जागरण संवाददाता, करनाल

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इस बार किसानों पर हर तरफ से मार पड़ रही है। उत्पादन भी कम है और भाव भी अच्छे नहीं मिल रहे। रही-सही कसर राइस मिलर्स की हड़ताल ने निकाल दी। रविवार को दैनिक जागरण की टीम नई अनाज मंडी पहुंची तो किसानों का दर्द सामने आया। किसानों से बात की तो कोई खुश नजर नहीं आया। धान खरीद के लिए कोई दो दिन से मंडी में है तो कोई चार दिन से। वे अच्छे भाव आने के इंतजार में डेरा डाले हुए हैं। बासमती 1509 किस्म के साथ पहुंचे थे। किसान राजबीर ने कहा कि सीजन के शुरुआत में अच्छा रेट था, लेकिन अब स्थित खराब है। सबसे अच्छी ढेरी 2350 रुपये प्रति क्विंटल तक जा रही है। किसान एकजुट होकर बोले-राइस मिलर्स और अधिकारियों के बीच झगड़े का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। वे परेशान हैं। समय पर फसल नहीं बिक रही। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। शुक्रवार को खाद्य और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक की अगुवाई में गो¨बद राइस मिल पर छापामारी की थी। इस दौरान 750 कट्टे चावल बिहार मार्के के पकड़े थे। इस पर उन्होंने खरीद पूरी तरह से बंद कर दी। मंडी में बढ़ रही है आवक

इस समय धान का सीजन पीक पर है। जिले की मंडियों में धान की आवक जोरों पर है। बासमती 1509 और पीआर-14 व 26 जोरों पर आ रही है। ऐसे में यदि राइस मिलर्स की हड़ताल का सरकार ने जल्द ही हल नहीं निकाला तो मंडी हाउसफुल हो जाएगी। मंडी में पैर रखने तक की जगह नहीं बचेगी। यह बोले किसान

फोटो---11 नंबर है। खर्च भी पूरा करना मुश्किल

काछवा गांव निवासी ईश्वर ने कहा कि वह पिछले छह दिनों से अनाज मंडी में आए हैं। धान का भाव ठीक मिल जाए, इसी उम्मीद के साथ आज सातवां दिन भी निकल आया। मामूली बढ़ोतरी के साथ 1509 धान 2350 रुपये प्रति क्विंटल पर आई है। ऐसे में उनका खर्च भी पूरा नहीं हो सकता। सरकार को किसानों समस्या की तरफ ध्यान देना चाहिए। फोटो---12 नंबर है।

झाड़ भी ठीक नहीं निकला, अब मंडी में आ रही दिक्कतें

किसान गीता राम चार दिनों से मंडी में ही हैं। इस बार 1509 धान का उत्पादन प्रति एकड़ महज 16 से 17 ¨क्वटल रहा है। कुछ भावों ने फजीहत कर दी। पिछले दिनों मौसम की मार का असर भी रहा। अब मंडी में भी धक्के खाने पड़ रहे हैं। सरकार को धान के भावों में बढ़ोतरी करनी चाहिए, जिससे किसानों का खर्च निकल सके। फोटो---13 नंबर है।

बेहतर व्यवस्था करे सरकार

किसान राम¨सह ने कहा कि सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे किसानों को धक्के न खाने पड़े। किसान की फसल की बुआई से लेकर बेचने तक जो कठिनाइ उन्हें झेलनी पड़ती हैं, उसका शायद कोई ही लगा सकता है। राइस मिलर्स की हड़ताल के कारण उन्हें दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। फोटो---14 नंबर है।

अच्छे भाव की उम्मीद भी टूटी

गंजोगढ़ी निवासी इंद्रजीत ¨सह ने कहा कि इस बार उम्मीद थी कि अच्छा रेट आएगा, लेकिन वह भी टूट गई है। सीजन के शुरुआती चरण में 1509 का किसानों को अच्छा भाव मिला, लेकिन अब कम हो गया। अक्सर ऐसा होता है कि जब 1509 की आवक कम हो जाएगी जब भाव बढ़ेंगे, जिससे किसानों को अच्छे भाव का लाभ नहीं मिल पाता।


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