अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी में शोधपत्र सार पुस्तिका का विमोचन
जागरण संवाददाता, करनाल : केवीएडीएवी महिला महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से दो दिवसीय
जागरण संवाददाता, करनाल : केवीएडीएवी महिला महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें भारतीय शेक्सपियर एसोसिएशन की सहभागिता रही। इस विषय शेक्सपियर वूमेन-ग्लोइंग और ड¨वड¨लग: ए जेंडर पर्सपेक्टिव रहा। प्रथम दिवस के अवसर पर वेद मंत्रोच्चारण, दीप प्रज्वलन और डीएवी गान से कार्यक्रम शुरू हुआ।
महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या सुजाता गुप्ता ने आश्वस्त किया कि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्राओं के ज्ञानवर्द्धन के लिए आगामी समय में भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे। कार्यकारी विभागाध्यक्षा और संगोष्ठी की समन्वयक सुनीत भंडारी ने संगोष्ठी के मूल विषय पर प्रकाश डाला। शोधपत्र-सार पुस्तिका का विमोचन किया गया। संगोष्ठी की सचिव डॉ. दीप्ति शर्मा ने मंच संचालन किया। प्रो. अभय मोर्य (भूतपूर्व कुलपति, अंग्रेजी और विदेशी भाषा, विश्वविद्यालय हैदराबाद) ने उद्घाटन भाषण प्रस्तुत किया। प्रो. भीम ¨सह दहिया (अध्यक्ष, द शेक्सपियर एसोसिएशन) ने वक्तव्य प्रस्तुत किया। सत्र के अंत में अंजू नरवाल (सह समन्वयक) ने धन्यवाद दिया। प्रथम तकनीकी सत्र का मंच संचालन संयोजन समिति की सदस्या ईशा पराशर ने किया। इस सत्र के अध्यक्ष, प्रो. पुष्पेंद्र स्याल (भूतपूर्व प्रो. अंग्रेजी विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़) रहे। इस सत्र के विषेशज्ञ वक्ता प्रो. विभा मोर्या (भूतपूर्व प्रो. स्पेनिश स्टडीज विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय) प्रो. पंकज कुमार ¨सह (भूतपूर्व प्रो. अंग्रेजी विभाग, हिमाचल प्रदेश, विश्वविद्यालय शिमला) प्रो. लवलीन मोहन (भूतपूर्व-अंग्रेजी और विदेशी भाषा विभाग, मदवि, रोहतक) डॉ. हेमा दहिया ने मुख्य विषय से संबंधित उपविषयों पर प्रकाश डाला।
दूसरे तकनीकी सत्र का मंच संचालन निताशा (संयोजन समिति की सदस्या) ने किया। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. पंकज कुमार ¨सह ने की। प्रो. पुष्पेंद्र स्याल, प्रो. सुचेता पठानिया, प्रो. मोनिका सेठी वक्ता रहे और मुख्य विषय के विविध पक्षों की जानकारी दी। तीसरे तकनीकी सत्र में वीडियो सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका मंच संचालन संयोजन समिति की सदस्या वंदना ने किया। विशेषज्ञ वक्ता के रूप में प्रो. लिसा होप¨कस और डॉ. यशप्रीत ने भाग लिया। इस सत्र के समान्तर सत्र में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के 70 प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। राष्ट्रगान के साथ प्रथम दिवस के कार्यक्रमों का समापन हुआ।