ढाई साल पहले बना ¨सथेटिक ट्रैक का प्रोजेक्ट, 6.76 करोड़ी टेंडर की आज टेक्निकल बिड खुलेगी
जागरण संवाददाता, करनाल करीब ढाई साल बाद कर्ण स्टेडियम में ¨सथेटिक ट्रैक का ख्वाब अब पू
जागरण संवाददाता, करनाल
करीब ढाई साल बाद कर्ण स्टेडियम में ¨सथेटिक ट्रैक का ख्वाब अब पूरा होने जा रहा है। दो बार स्थगित होने के बाद कर्ण स्टेडियम में ¨सथेटिक ट्रैक का टेंडर आज खुलेगा। जून 2015 में पंचायती राज के एक्सईएन को एस्टीमेट बनाने के लिए पहली बार लेटर लिखा गया था। इसके बाद लंबी जद्दोजहद चली। तब जाकर 29 नवंबर 2017 को इसका टेंडर लगाया गया। बुधवार को इसकी टेक्निकल बिड ओपन होगी। टेंडर में आई कंपनियों को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी तनकीकी कसौटी पर परखेंगे। ठेकेदारों को ¨सथेटिक ट्रैक बनाने का कितना अनुभव है। उनके एक-एक कागजात का बारीकि से निरीक्षण होगा। इसमें खरा उतरने वालों को अगले पायदान में जगह मिलेगी। टेक्निकल बिड पर मंथन के बाद फाइनेंसियल बिड खुलेगी। देखा जाएगा कि 6.76 करोड़ी प्रोजेक्ट के लिए किसने कितना रेट भरा है। जिसके दाम सबसे कम होंगे उसे ही टेंडर अलॉट किया जाएगा। फाइनेंसियल बिड से पता चलेगा कि खिलाड़ियों को यह सुविधा देने में कितनी राशि खर्च होगी। इसके बाद संबंधित कंपनी को वर्क आर्डर जारी कर आठ लेन के ¨सथेटिक ट्रैक बनाने का जिम्मा सौंपा जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो फरवरी में कर्ण स्टेडियम में काम शुरू हो जाएगा।
बनने से पहले ही विवादों में आया
कर्ण स्टेडियम में ¨सथेटिक ट्रैक बनने से पहले ही विवादों में भी आया। विरोध करने वालों ने तर्क दिया कि ट्रैक बनने से कम से कम 22 खेल प्रभावित होंगे। जबकि दस एकड़ के इस स्टेडियम में चार सौ मीटर के इस ट्रैक से इतने खेल प्रभावित होना मुमकिन ही नहीं है। हां इसके निर्माण के समय कुछ दिक्कत जरूर आएगी। जो रूटीन की प्रक्रिया है। बीते दिनों अफवाहें उड़ी तो दैनिक जागरण ने इस प्रोजेक्ट की गहराई से स्टडी की। विशेषज्ञों से बातचीत के बाद सामने आया कि इस ट्रैक से खेल प्रभावित होने की बजाय खिलाड़ियों को प्रोत्साहन ही मिलेगा।
जुलाई तक मिल जाएगी सौगात
¨सथेटिक ट्रैक के लिए कर्ण स्टेडियम के खिलाड़ियों ने लंबा इंतजार किया। पीडब्ल्यूडी ने नवंबर में 6.24 करोड़ का टेंडर लगाया। लेकिन बाद में 13 एमएम की बजाए 15 एमएम की लेयर बिछाने की शर्त जोड़ी गई। लेयर बढ़ने से 52 लाख कोस्ट बढ़कर 6.76 करोड़ का टेंडर लगाया गया। यह नौ जनवरी को खुलना था। फिर एक और नई शर्त जोड़ी गई। अब उसी कंपनी को यह टेंडर मिलेगा जिसके पास दो या तीन ¨सथेटिक ट्रैक बनाने का अनुभव है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की मानें तो वर्क आर्डर जारी होने के बाद करीब छह महीने में ¨सथेटिक बनकर तैयार हो जाएगा।
फुटबॉल के मैदान में घास, आठ हाईमास्ट लाइट भी
¨सथेटिक ट्रैक के 6.76 करोड़ के टेंडर में ठेकेदार को बीच में बचे फुटबॉल के मैदान में विशेष घास भी लगाएगा। पानी के लिए अंदर व बाहर ड्रेन बनाई जाएगी। यह ¨सथेटिक ट्रैक रोहतक की तर्ज पर जगमग होगा। एसडीओ संजीव अत्री का कहना है कि ट्रैक के पास आठ हाईमास्ट लाइट लगेंगी। इसके लिए एक करोड़ 83 लाख 80 हजार रुपये का डिटेल अस्टीमेट मंजूर होने के बाद अलग से टेंडर लगाया जा चुका है। जल्द ही यह भी ओपन होगा। स्टेडियम में सब स्टेशन भी बनेगा। डीएसवाआइओ अनिल कुमार ने बताया कि फिलहाल चार मीटर हैं। फिर पूरे खेल परिसार का एक ही बिजली मीटर होगा।
वर्जन
6.76 करोड़ के टेंडर की 17 जनवरी को टेक्निकल बिड खोली जाएगी। आवेदन करने वाली कंपनियों को तकनीकी कसौटी पर परखेंगे। इसके बाद फाइनेंसियल बिड खोली जाएगी। करीब छह माह में यह बनकर तैयार हो जाएगा
राजकुमार नैन, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, करनाल
वर्जन
¨सथेटिक ट्रैक बनने से स्टेडियम में सुबह-शाम आने वाले करीब 1000 खिलाड़ियों को सुविधा मिलेगी। हर खेल से पहले वार्म अप जरूरी है। ¨सथेटिक ट्रैक से यह आसान हो जाएगा। खेल महाकुंभ में राज्य स्तर पर स्टेडियम के खिलाड़ियों ने 15 पदक जीते हैं। आगे बाद अधिक मेडल आएंगे। 7.96 करोड़ रुपये पीडब्ल्यूडी को जमा कराए जा चुके हैं।
अनिल कुमार, डीएसवाइओ, करन