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लक्ष्य हासिल करने के लिए कौशल विकास जरूरी : प्रो. समर सिंह

पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय में सोमवार को सात दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। एक्सटेंशन एजुकेशन इंस्टीट्यूट नीलोखेड़ी चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 10:00 AM (IST)
लक्ष्य हासिल करने के लिए कौशल विकास जरूरी : प्रो. समर सिंह
लक्ष्य हासिल करने के लिए कौशल विकास जरूरी : प्रो. समर सिंह

जागरण संवाददाता, करनाल :

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पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय में सोमवार को सात दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। एक्सटेंशन एजुकेशन इंस्टीट्यूट नीलोखेड़ी, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने किया। प्राचार्या डॉ. रेखा शर्मा ने मुख्यातिथि प्रोफेसर समर सिंह का महाविद्यालय प्रांगण में पहुंचने पर स्वागत किया। क्षमता निर्माण कार्यक्रम के आयोजन के लिए संयोजक रश्मि सिंह को बधाई दी गई। ईईआइ नीलोखेड़ी के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. लाभ सिंह बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों के 42 प्राध्यापक हिस्सा ले रहे हैं। उप प्राचार्या एवं कार्यक्रम की इंटरनल को-ऑर्डिनेटर डॉ. राजेश रानी ने सभी मेहमानों व प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया।

प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि क्षमता निर्माण कार्यक्रम में हिस्सा लेने से प्रतिभागियों के कौशल का विकास होता है। लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्षमताओं का विकास काफी अहम है। चाहे व्यक्तिगत विकास की बात हो या फिर सामाजिक एवं संस्थागत विकास, सभी के लिए क्षमतावान मानव संसाधन बहुत जरूरी है। क्षमता निर्माण कार्यक्रम में हिस्सा लेने से प्रतिभागी बेहतर समय प्रबंधन, नेतृत्व कौशल और तनाव प्रबंधन करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय प्रौद्योगिकी का है और हम सभी को तकनीक से नाता जोड़ते हुए विकास के पथ पर अग्रसर होना चाहिए। गिरते भू-जल स्तर और मृदा की घटती गुणवत्ता पर चिता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से हम इन समस्याओं का समाधान कर एक बेहतर समाज की रचना कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने स्मार्ट फार्मिंग, डिजिटल एग्रीकल्चर और वर्टिकल फार्मिंग पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की। डॉ. लाभ सिंह ने क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ईईआइ की ओर से कैंपस में व कैंपस के बाहर समय-समय पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।


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