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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : पचास फीसद किसान अभी भी सर्वे से बाहर

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में नामांकन के लिए एक हफ्ते का ही समय बचा है, लेकिन अब तक पचास फीसद किसान ही कवर हुए हैं। सर्वे में लगी टीम की कार्यप्रणाली से ऐसा नहीं लग रहा कि 25 फरवरी तक सभी पात्र किसान कवर हो पाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 10:01 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:01 AM (IST)
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : पचास फीसद किसान अभी भी सर्वे से बाहर
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : पचास फीसद किसान अभी भी सर्वे से बाहर

जागरण संवाददाता करनाल : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में नामांकन के लिए एक हफ्ते का ही समय बचा है, लेकिन अब तक पचास फीसद किसान ही कवर हुए हैं। सर्वे में लगी टीम की कार्यप्रणाली से ऐसा नहीं लग रहा कि 25 फरवरी तक सभी पात्र किसान कवर हो पाएंगे। इस वजह से उन्हें पेंशन की पहली किस्त से वंचित रहना पड़ सकता है।

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युवा किसान संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रमोद चौहान ने बताया कि योजना को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं था। इस वजह से यह हालात बने हैं। एक अनुमान के मुताबिक जिले में 35 से 40 हजार किसान पेंशन योजना में शामिल होने के पात्र है। अभी तक 18 हजार 600 किसान का डाटा ही अपलोड हो पाया है। यानी पचास फीसद किसान अभी भी योजना में शामिल नहीं हो पाए हैं।

घरौंडा क्षेत्र के किसान हरपाल व संतोष कुमार, इंद्री के किसान मामराज, व राजकुमार, नि¨सग के किसान प्रदीप व अशोक, असंध से हरबंस व रामपाल ने बताया कि उनकी कही सुनवाई नहीं हो रही है। उन्हें पेंशन बनवाने में जो दिक्कत आ रही है, इस पर वह कहां शिकायत करें।

पटवारी और ग्राम सचिवों के भरोसे सर्वे

योजना को लागू करने के लिए भले ही डीसी की अध्यक्षता में कमेटी हो। लेकिन यह कमेटी सिर्फ नाममात्र की है। सर्वे का काम पटवारी व ग्राम सचिव के भरोसे है। जिले में कुल 412 गांव है, इसके लिए 75 पटवारी व 84 ग्राम सचिव लगे हुए हैं।

अधिकारियों ने तय नहीं किया टारगेट

गैर सरकारी संस्था यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष राकेश ढुल ने बताया कि इतने लोग आसानी से इस काम को तय समय में पूरा कर सकते हैं। दिक्कत यह है कि सरकारी मशीनरी ने काम को गंभीरता से नहीं लिया। न तो यह टारगेट तय किया गया कि हर रोज कितने किसानों का डाटा अपलोड होगा? इस वजह से ज्यादातर ने काम के नाम पर खानापूर्ति की है।

अब जो रह जाएंगे उनके पास विकल्प क्या?

किसान नेता प्रमोद चौहान ने बताया कि जिस योजना पर केंद्र सरकार गंभीर है, उसे लेकर अभी अधिकारी यह रवैया अपना रहे हैं तो चुनाव के बाद उनका रवैया क्या होगा? इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। चौहान ने यह भी बताया कि कम से कम पेंशन की पहली किश्त से तो वह वंचित रह ही जाएंगे।

फिर भी जिला प्रदेश में पहले नंबर है

अब भले ही आधे किसान योजना में शामिल होने से रह गए हो, लेकिन करनाल जिला प्रदेश में इस योजना के पात्रों के नाम अपलोड करने में पहले नंबर है। दूसरे नंबर पर हिसार यहां 18 हजार और तीसरे नंबर पर रोहतक है यहां 16 हजार किसानों का डाटा उपलोड हो पाया है।

राकेश ढुल ने बताया कि इससे साफ है कि पूरे प्रदेश में ही योजना को लेकर प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही बरती गई है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज पुनिया ने बताया कि इस सरकार में किसी की सुनवाई नहीं हो रही है। बस बयानबाजी हो रही है।

डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर डॉक्टर आदित्य प्रताप डबास से सीधी बातचीत

डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर डॉक्टर आदित्य प्रताप डबास ने कहा कि किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। ऐसा नहीं है कि इस बार जो पात्र लिस्ट में शामिल होने से रह गए उन्हें दोबारा मौका नहीं मिलेगा। वह बाद में भी अपना नाम दर्ज करा सकते हैं।

सवाल -किसानों को पेंशन में दिक्कत आ रही है, अब समय कम रह गया है, ऐसे में कैसे सभी पात्र लिस्ट में शामिल होंगे ?

जवाब- सबसे पहले तो यह समझना होगा कि यह आखिरी लिस्ट नहीं है। पात्र किसानों को इसके लिए मौका मिलेगा। वह कभी भी योजना में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सवाल : पटवारी और ग्राम सचिव ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे कि किसानों को दिक्कत न आए ?

जवाब : कृषि विभाग के कर्मचारी भी इस काम में लगे हुए हैं। सभी की कोशिश है कि सही से काम हो। जहां भी दिक्कत आ रही है उसे दूर किया जा रहा है। सवाल : कुछ जगह ठगी हुई है, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है?

जवाब : कुछ किसानों ने इस बाबत शिकायत की थी। इस पर एफआइआर दर्ज करा दी है। फार्म मुफ्त में बांटे गए हैं। एक लाख दस हजार फार्म छपवाए गए हैं। जरूरत हुई तो दोबारा से फार्म छपवाए जाएंगे।


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