श्याम नगर में लटकते तार बने जी का जंजाल
सेक्टर-16 श्याम नगर में बिजली विभाग की अनदेखी के चलते शहर के विभिन्न हिस्सों में गलियों के बीच झूल रहे बिजली तार हादसों का कारण बन रहे हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल: सेक्टर-16 श्याम नगर में बिजली विभाग की अनदेखी के चलते शहर के विभिन्न हिस्सों में गलियों के बीच झूल रहे बिजली तार हादसों का कारण बन रहे हैं। विभाग को अवगत कराने के बावजूद अधिकारी बेबस दिखाई पड़ रहे हैं। क्षेत्र के जेई की लापरवाही के कारण यहां की गलियों में वर्षों से करंट लटक रहा है। निगम के जेई के नेतृत्व में कर्मचारियों ने जानबूझकर छतों पर तार का जाल बनाकर भूल चुके हैं। छत पर कपड़े सुखाते समय महिलाओं को करंट लग चुका है। निगम के एसई एसके चावला भी एक सप्ताह बाद कोई हल नहीं निकाल पा रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने प्रदेश सरकार से समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। वर्षों से बिजली निगम निकाल पा रहा हल
रमेश शर्मा ने बताया कि कई जगह बिजली विभाग की ओर से डाली गई केबल काफी नीचे है और वर्षों से बिजली मीटर के साथ-साथ तार लटक रहे हैं। इन तारों को कसने के लिए विभाग के कर्मचारियों को कई बार कहा गया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। हादसे के इंतजार में एसई और एक्सइएन
रेणु बाला ने बताया कि निगम के अधिकारी सिर को छू रही बिजली तार से हादसे का इंतजार कर रहे हैं। हल्की हवा के साथ ही टच होने से चिगारियां उठती हैं और बरसात में घर की दीवारों में करंट रहता है, जिससे बच्चों की संभाल करनी पड़ती है। क्षेत्र के जेई नहीं करते सुनवाई
अमित कुमार ने बताया कि क्षेत्र के लोग अपने स्तर पर खर्च करके भी तार ठीक करा चुके हैं। बावजूद गलियों में बेतरतीब तार बिछाने वाले जेई को कई बार हादसे के खतरे से अवगत किया गया है, लेकिन वह सुनवाई नहीं करते हैं। छत पर जाने की बच्चों को मनाही
सुनील जांगड़ा ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को छत पर जाने से मनाकर रखा है। गली में तार नीचे होने के कारण रिक्शा और रेहड़ी तक भी नहीं निकाली जा सकती है। पार्षद को समस्या से अवगत कराया है, लेकिन हल नहीं निकल सका। खानापूर्ति कर रहे अधिकारी
आनंद शर्मा ने बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्चने वाली सरकार के कार्यकाल में बिजली निगम के अधिकारी गलियों की तार ठीक नहीं कर पा रहे हैं। लोगों की जान खतरे में डालकर फील्ड में सर्वे के नाम पर वर्षों से अधिकारी खानापूर्ति कर रहे हैं।