अपनों की याद कार्यक्रम में कवियों ने बांधा समां
कारवाने अदब, सुर सागर कला मंच व अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सं
जागरण संवाददाता, करनाल : कारवाने अदब, सुर सागर कला मंच व अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में जिमखाना क्लब में अपनों की याद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश, मां सरस्वती स्वर्गीय, पृथ्वी राज मल्होत्रा, स्व. मदन लाल कोहली व स्व. सत्या मलहोत्रा के चित्रों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित करके की गई।
राजीव मल्होत्रा ने अपनी कविता देखते ही देखते जवान मां-बाप बूढ़े हो जाते हैं का गायन किया। सुरेंद्र मरवाहा ने कहा-हारते हैं वही जो दिल से हार जाते हैं, टूटते हैं वही जिनको अपने मार जाते हैं।
हरबंस लाल पथिक ने कहा कि नए जब दोस्त बनते हैं, पुराने भूल जाते हैं, गुरमुख ¨सह वडैच ने कहा, सैर करने जो हम निकले तो दिल में कुछ अरमान थे। जगदीश तनेजा ने शायरी पेश की। लक्ष्मी नारायण चौरासिया ने कहा तेरी नजदीकियों को तरसते रहे।
पवन पबाना ने कहा, अगर हो दिल बड़ा तो फिर कमी मुश्किल से आती है। महावीर प्रसाद शास्त्री ने कहा, हृदय के तार बज उठे जब सुनी झनक-झनक। हर्ष जैन, एचडी मदान, डॉ. केके गांधी, गिरधारी लाल शर्मा व शाम सहोता ने भी अपनी रचनाएं पेश की। विनीत भाटिया, सोनिया चोपड़ा व सुषमा मक्कड़ ने गीत पेश किए। मंच संचालन अंजू शर्मा ने किया।
इस अवसर पर विजय कोहली, विनय कोहली, सतपाल नागपाल, डॉ. एसके शर्मा, केके पासी, मनीष मलहोत्रा, मीनाक्षी मल्होत्रा, मंजु, रेणु भसीन, सुनील भसीन, आरती मरवाहा व ज्ञान अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।