कवयित्री अंजू शर्मा और कांता वर्मा का सम्मान
करनाल क्लब में कारवाने अदब करनाल की महफिल सजी।
जागरण संवाददाता, करनाल
करनाल क्लब में कारवाने अदब करनाल की महफिल सजी। इसमें करनाल और आसपास से आए कवियों, शायरों और साहित्यकारों ने भाग लिया। महफिल के आगाज से पहले सभी ने राष्ट्रगान गाकर देश में आपसी भाईचारा कायम होने और सुख-समृद्धि की कामना की। सभी ने एक-दूसरे को गले मिलकर दीपावली की बधाई दी। करनाल के साहित्य जगत के लिए यह बहुत ही सराहनीय कदम है कि कवियत्री अंजू शर्मा और कांता वर्मा को विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, गांधी नगर ईशीपुर, जिला भागलपुर बिहार की ओर से वरधा महाराष्ट्र में विद्यावाचस्पति सारस्वत सम्मान प्रदान किया। इस उपलब्धि के लिये सभी सदस्यों ने उन्हें माल्यार्पण करके उनका स्वागत किया। आज की महफिल की अध्यक्षता कवि पवन पबाना ने की और विशिष्ट अतिथि राजपाल रहे और मंच संचालन कवि मनोज गौतम ने किया।
महफिल में डॉ. एसके शर्मा ने कहा ये कौन सा मकसद लिए मैं चल रहा हूं, रात-दिन दिल में मेरे आग है इक जल रहा हूं रात दिन, अंजू शर्मा ने कहा दुश्मनों को भी अपना बना लीजिए, कभी उनसे भी मिला कीजिए, दुनियां में रहे चैन-ओ-अमन, खुदा से बस ये दुआ कीजिए। स. गुरमुख सिंह वडै़च ने कहा ख्वाब सब पूरे तुम्हारे जिन्दगी के हो गए, प्रवीण जन्नत ने कहा आओ समझें माटी की खुशबू, क्या देगी बारूदी बदबू? क्या पाएंगे प्रकृति में जहर मिलाकर, क्या पाएंगे जीवों का गला दबाकर, शशि शर्मा ने कहा ये वो पूछते हैं मुझसे कैसे हो? बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो, जय भारद्वाज ने कहा कलाम पर मेरे उन्होंने मरहबा क्या कह दिया, हर किसी ने ये कहा अच्छा लगा अच्छा लगा, आरएस गौतम ने कहा जुल्म की दर-ओ-दीवार गिरनी चाहिए, हर तरफ से यह दुहाई आनी चाहिए, अशोक वशिष्ठ ने कहा बहरुपियों के रंग में, गर हम कहीं खो जाएंगे।