बसंत विहार के लोग फिर रास्ता बदल घर जाने को मजबूर
बसंत विहार कॉलोनी में बारिश ने एक बार फिर घर जाने के लिए लोगों को रास्ता बदलने पर मजबूर कर दिया है।
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जागरण संवाददाता, करनाल : बसंत विहार कॉलोनी में बारिश ने एक बार फिर घर जाने के लिए लोगों को रास्ता बदलने पर मजबूर कर दिया है। कसूर बरसात का है या सिस्टम का ये अभी तक कालोनी के निवासियों की समझ से परे है। खासियत ये है कि 28 वर्षों से नेता और प्रशासन दोनों ही हंसते हुए चेहरे से आश्वासन देकर खिसक लेते हैं। जनता फिर वाहनों को इधर-उधर खड़ा कर बारिश आने के 15 दिन तक रास्ते बदल-बदलकर घरों में जाने को मजबूर होती रहती है। समस्या का जब हल नहीं निकला तो युवाओं ने सोशल मीडिया के जरिये अपनी तकलीफ को शहर में प्रचार करना शुरू कर दिया है। क्षेत्रवासी सुभाष शर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से मैसेज वायरल हो रहा है, काफी अच्छा है। उम्मीद है यह मैसेज मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री तक पहुंच सकेगा। क्योंकि आज तक सरकार के मैसेज आते रहे हैं, लेकिन जनता की समस्याओं के मैसेज व्हाट्सएप पर मैसेज चलते नहीं देखे। युवाओं ने अच्छी शुरुआत की है जोकि नेताओं के मैसेज के ऊपर शहर की समस्याओं का मैसेज एक-दूसरे को भेजना शुरू किया है।
बसंत विहार वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व प्रधान सुभाष शर्मा, प्रधान महाबीर मान, महासचिव गुलाब पोसवाल ने बताया कि डेढ साल से क्षेत्र में टाटा कंपनी के कर्मचारी सीवर लाइन डाल रहे हैं, लेकिन अभी तक गड्ढों से निजात नहीं दिला सके। हर महीने कोई न कोई आश्वासन देकर काम जल्द पूरा करने की बात कह देते हैं, जबकि लोगों को 15 गलियों में कीचड़ का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र में पेयजल सप्लाई और स्ट्रीट लाइट की हालत भी खस्ता है। गलियों में कीचड़ व अंधेरा होने के कारण लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। भाजपा सरकार में कालोनी की समस्याओं के बारे में अधिकारियों व नेताओं को कई बार लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक निवारण नहीं किया गया।
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