उम्रभर दवा खाने के डर से शुगर जांच नहीं कराते लोग
शुगर क्रॉनिक डिजिज है। इसे लोग गंभीरता से नहीं लेते।
जागरण संवाददाता, करनाल
शुगर क्रॉनिक डिजिज है। इसे लोग गंभीरता से नहीं लेते। यही कारण है कि बीमारी लगातार पैर पसार रही है और लोग एक के बाद एक गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। वर्ल्ड डाइबिटिज डे पर दैनिक जागरण ने कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. राजेश गर्ग से बातचीत की। उन्होंने कहा कि शुगर की जांच कराने से लोग कतराते हैं, उन्हें डर है कि यदि जांच में उन्हें शुगर है तो उम्र भर दवा खानी पड़ सकती है। क्या इस तरह से इस बीमारी को अनदेखा करना सही है? इस बारे में डॉ. गर्ग ने कहा- लोगों को जागरूक होना होगा। जो लोग नियमित जांच नहीं कराते उन्हें उस स्टेज पर बीमारी का पता लगता है जब शुगर के साथ-साथ अन्य बीमारयां उसको जकड़ लेती हैं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यह इतनी खतरनाक कि समय पर डाइग्नोज नहीं किया गया तो यह दीमक की तरफ पूरे शरीर के अंगों को प्रभावित करना शुरू कर देती है। महिलाओं के मुकाबले पुरुष रोगी अधिक
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक करनाल में 4.3 प्रतिशत महिलाएं और 10.2 प्रतिशत पुरुष शुगर की चपेट में हैं। ऐसे में यह साफ है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक नहीं हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिनचर्या में बदलाव जरूरी है। इसलिए जरूरी है जांच
समय पर शुगर की पहचान नहीं हुई तो लोग दवा नहीं लेंगे। इससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शुगर रोगी के दिल, किडनी और बाकी अंगों पर भी इन बीमारियों का प्रभाव पड़ सकता है। कम उम्र में ही मौत की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि शुगर की बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए। इसकी सही जानकारी और सही इलाज से रोगी लंबे समय तक एक बेहतरीन जीवन जी सकता है। शुगर से बचाव रखना है तो इन चीजों का ना करें सेवन
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. मंजू पाठक के मुताबिक धुम्रपान, शराब, खान-पान में अधिक तला और मीठा लेने, जंक-फूड, जीवन शैली में बदलाव, व्यायाम की कमी और तनाव भरे जीवन का त्याग करना चाहिए। इनसे दूर रहकर हम शुगर को भगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को शुगर के लक्षणों जैसे बार-बार पेशाब आना, ज्यादा प्यास लगना, लगातार भूख लगना, वजन घटना और थकावट होना इसके लक्षण हैं। इस प्रकार कर सकते हैं शुगर पर नियंत्रित
डॉ. राजेश गर्ग के मुताबिक जीवन शैली को संतुलित रखते हुए हर रोजाना 30 से 45 मिनट तक व्यायाम करना जरूरी है। खाने में फल और सब्जियों का अधिक सेवन, ज्यादा तले, मीठे और फास्ट फूड से परहेज, नमक को कम से कम मात्र में लेना उपायों से शुगर और दिल की बीमारियों को टाला जा सकता है।