घरौंडा के आढ़तियों की पेमेंट पानीपत और फतेहाबाद के खातों में
- सरकारी एजेंसियां भुगतान का डाटा देने में कर रहीं आनाकानी संवाद सहयोगी घरौंडा न
- सरकारी एजेंसियां भुगतान का डाटा देने में कर रहीं आनाकानी संवाद सहयोगी, घरौंडा : नई अनाज मंडी के आढ़तियों की पेमेंट नहीं आ रही है। सरकार ने जो पेमेंट डाली थी, वह पानीपत, फतेहबाद व प्रदेश के अन्य मंडियों में पहुंच गई है। किसानों व आढ़तियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आढ़तियों का आरोप है कि सरकारी एजेंसियों से पेमेंट का डाटा मांगते हैं तो वे आनाकानी कर रहे है। आढ़तियों में सरकारी एजेंसियों के प्रति गहरी नाराजगी दिखाई दे रही है।
सरकार ने 26 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू कर दी थी। मंडी में वेयर हाउस, हैफेड, डीएफएससी ने धान की खरीद की थी। सरकार ने किसानों व आढ़तियों से वायदा किया था कि 72 घंटे में धान की पेमेंट की जाएगी लेकिन एक माह से ज्यादा समय बीत गया है, पेमेंट नहीं आई है। किसान व आढ़ती पेमेंट के लिए धक्के खा रहे हैं।
आढ़ती सुरेश मित्तल, पूर्व प्रधान पवन गुप्ता, राजेंद्र सिगला, डा. राजपाल, धीरज भाटिया, सूबे सिंह व अजय माहना का कहना है कि सरकार ने जो पेमेंट आढ़तियों व किसानों के खातों में डाली थी वह भी दूसरी मंडियों में चली गई है। किसानों व आढ़तियों के खाते में नाममात्र पेमेंट आई है। तीनों एजेंसियों की पेमेंट पानीपत, फतेहबाद, भूना व अन्य मंडियों में चली गई है। आढ़तियों का आरोप है कि पेमेंट के बारे में सरकारी एजेंसी के अधिकारियों से बातचीत करते हैं, तो संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है। वे पेमेंट के लिए उच्च अधिकारियों से भी मिल चुके हैं, लेकिन कोई समाधान निकलता नजर नही आ रहा है।
किसानों व आढ़ती ऐसे हालात में पेमेंट के लिए तरस गए है। किसानों को कहना है कि गेहूं की बुआई का समय आ गया है, लेकिन उन्हें पेमेंट नहीं मिल रही है। बुआई का समय बीतता जा रहा है। किसानों ने बताया कि सरकार ने पेमेंट देने का जो वायदा किया था, वह पूरा नहीं कर रही है। क्या कहते हैं मंडी प्रधान
मंडी प्रधान रामलाल गोयल का कहना है कि दो सौ करोड़ रुपये की सरकार ने धान खरीदी थी। उसमें से कुछ पेमेंट आई है, लेकिन सरकारी एजेंसी उसका भी डाटा नहीं दे रही है। धान की पेमेंट के लिए अधिकारियों से कई बार मिल चुके हैं। समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा है। मुझे जानकारी नहीं, खाता चेक करें
वेयरहाउस के मैनेजर रमेश शर्मा ने बताया कि पेमेंट के लिए कुछ आढ़ती व किसान उनसे मिले थे। किसानों व आढ़तियों के खाते में पेमेंट आ गई है। किसान व आढ़ती अपने खातों में पेमेंट चेक कर सकते हैं। इससे ज्यादा उन्हें जानकारी नहीं है।